डीएनए हिंदी: Rameshwaram Temple Rahasya, History- तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले स्थित रामेश्वरम मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है. इस मंदिर को रामनाथ स्वामी मंदिर (Ramanathaswamy Temple) के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर में स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है. जैसे उत्तर भारत में काशी का महत्व है, वैसे ही दक्षिण भारत में रामेश्वरम का महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में स्थापित ज्योतिर्लिंग को भगवान राम ने स्थापित किया था. इसके पीछे कई धार्मिक कथाएं प्रचलित हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां जो भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा आराधना करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. चलिए जानते हैं इस मंदिर का इतिहास और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य
रामेश्वरम मंदिर का इतिहास (History of Rameshwaram Temple In Hindi)
शास्त्रों के अनुसार भगवान राम रावण से युद्ध और लंका पर विजय पाने के बाद भगवान शिव की पूजा करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने इस जगह पर शिवलिंग की स्थापना की थी, तब से इसका नाम रामेश्वरम पड़ा. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, रावण एक ब्राह्मण था. इसलिए ब्राह्मण को मारने के दोष को खत्म करने के लिए भगवान राम महादेव की पूजा करना चाहते थे लेकिन वहां कोई मंदिर न होने के कारण हनुमान जी को कैलाश पर्वत से भगवान शिव के शिवलिंग लाने के लिए कहा. कहा जता है तब हनुमान जी समय पर शिवलिंग लेकर नहीं पहुंच पाए, ऐसे में माता सीता ने समुद्र की रेत को मुट्ठी में उठाकर शिवलिंग का निर्माण किया. इसी शिवलिंग की भगवान राम ने पूजा की. इसके अलावा हनुमान जी के द्वारा लाए गए शिवलिंग को भी यहीं पर स्थापित कर दिया गया.
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रामेश्वरम मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Interesting Facts About Rameshwaram Mandir)
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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