Jagannath Rath Yatra 2023: कब शुरू हो रही है जगन्नाथ रथ यात्रा, जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

Aman Maheshwari | Updated:Jun 01, 2023, 11:08 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jagannath Rath Yatra 2023: आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया को ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर से रथ यात्रा निकाली जाती है.

डीएनए हिंदीः हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2023) निकाली जाती है. यह रथ यात्रा ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर से निकालनी जाती है. ओडिशा का पुरी जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Rath Yatra 2023) बहुत ही प्रसिद्ध है. आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया को जगन्नाथ पुरी ही नहीं बल्कि पूरे देश में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2023) निकाली जाती है.

जगन्नाथ की रथ यात्रा यहां पर बहुत ही प्रसिद्ध है इसके लिए लोग यहां दूर-दूर से आते हैं. अब आषाढ़ माह की शुरुआत होने वाली है. आषाढ़ माह में साल 2023 की जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2023) निकाली जाएगी. चलिए आपको जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2023) की तिथि और इसके महत्व के बारे में बताते हैं.

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जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 तिथि (Jagannath Rath Yatra 2023 Date)
रथ यात्रा आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष द्वितीया को निकाली जाती है. इस साल यह तिथि 19 जून 2023 को सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी. इस तिथि का समापन 20 जून को दोपहर 01 बजकर 07 पर होगा. ऐसे में उदय तिथि को महत्व देते हुए जगन्नाथ यात्रा 20 जून 2023 को निकाली जाएगी. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 20 जून 2023 को रात 10 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी जिसका समापन अगले दिन 21 जून 2023 को सुबह 07 बजकर 09 मिनट पर होगा.

क्यों होती है जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2023)
जगन्नाथ रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और देवी सुभद्रा जी को रथ में बैठाया जाता है. जिसके बाद उन्हें गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गुंडिचा मंदिर भगवान जगन्नाथ के मौसी का घर है. रथ यात्रा के 7 दिनों बाद आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष दशमी को तीनों भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और देवी सुभद्रा जी वापस मंदिर में स्थापित कर दिए जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इन सात दिनों भगवान जगन्नाथ गुंडिचा मंदिर में विश्राम करते हैं.

जगन्नाथ रथ यात्रा महत्व (Jagannath Rath Yatra Significance)
- ओडिशा में स्थित जगन्नाथ पुरी धाम मंदिर को मुक्ति का द्वार कहा जाता है. इस मंदिर की बहुत ही अधिक मान्यता है. यहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त आते हैं.
- रथ यात्रा में रथ को खींचने से व्यक्ति को 100 यज्ञ करने के बराबर पुण्य मिलता है. रथ यात्रा में शामिल होने से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.
- रथ यात्रा में शामिल होने से भक्तों की सभी समस्याएं दूर हो जाती है. ऐसा कहा जाता है कि जो इस रथ यात्रा में शामिल होता है उसके ऊपर पूरे वर्ष जगन्नाथ भगवान की कृपा बनी रहती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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