Jagannath Rath Yatra 2023: आज भाई बहन संग रथ यात्रा कर मौसी के घर गुंडिचा मंदिर पहुंचेंगे भगवान जगन्नाथ, जानें क्या है इससे जुड़ा रहस्य

Aman Maheshwari | Updated:Jun 20, 2023, 05:57 AM IST

Jagannath Rath Yatra 2023

Jagannath Rath Yatra 2023: पुरी जगन्नाथ मंदिर में आषाढ़ माह की द्वितीया तिथि को रथ यात्रा निकाली जाती है.

डीएनए हिंदीः ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर (Jagannath Puri Mandir) में भगवान विष्णु के जगन्नाथ अवतार की पूजा की जाती है. यहां पर जगन्नाथ भगवान बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं. पुरी जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Puri Mandir) में आषाढ़ माह की द्वितीया तिथि को रथ यात्रा निकाली जाती है. जगन्नाथ पुरी मंदिर की इस रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2023) का विशेष महत्व है. भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्र के साथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2023) कर गुंडिचा मंदिर में जाकर विश्राम करते हैं.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुंडिचा देवी को भगवान जगन्नाथ की मौसी के रूप में पूजा जाता है. रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2023) के बाद भगवान जगन्नाथ कुछ दिनों तक मौसी के घर रहते हैं. जिसके बाद भगवान वापस जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Rath Yatra 2023) में विराजमान हो जाते हैं. तो चलिए जानते हैं कि भगवान जगन्नाथ के मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाने के पीछे क्या मान्यता जुड़ी हुई है.

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गुंडिचा देवी मंदिर
ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ के मुख्य मंदिर का निर्माण गुंडिचा रानी ने करवाया था. इन्हें  भगवान जगन्नाथ की मौसी के रूप में पूजा जाता है. रथ यात्रा के बाद गुंडिचा मंदिर में भगवान जगन्नाथ और भाई बलराम और बहन सुभद्रा का भव्य स्वागत किया जाता है. उन्हें अनेकों प्रकार के भोग लगाए जाते हैं. यहां पर भगवान विश्राम करने के बाद वापस मंदिर में विराजमान हो जाते हैं.

जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 (Jagannath Rath Yatra 2023)
साल 2023 में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 20 जून 2023 को निकाली जाएगी. रथ यात्रा 20 जून 2023 की रात को 10 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी जो अगले दिन 21 जून 2023 को सुबह 07 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी.

जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व (Jagannath Rath Yatra Significance)
- रथ यात्रा में देश भर से लाखों की संख्या में भक्त इकट्ठा होते हैं. जगन्नाथ मंदिर का मु्क्ति का द्वार माना जाता है.
- जो भी इस रथ यात्रा में रथ खींचता है उसे 100 यज्ञ करने के बराबर शुभ फल मिलता है. रथ यात्रा में शामिल होने से ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.
- यह मान्यता है कि मंदिर में भगवान जगन्नाथ की उपासना करने से भक्तों के सभी दुख और दर्द दूर होतो है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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