Hanuman Mandir Jalore: राजस्थान के इस हनुमान मंदिर की कभी नहीं बन सकी छत, जानें क्यों ?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Feb 08, 2023, 08:29 AM IST

जालोर हनुमान मंदिर

Kaniwada Hanuman Mandir: राजस्थान का कानीवाड़ा हनुमान मंदिर कई वजहों से खास है. आज हम आपको इसी बारे में बताने वाले हैं.

डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में श्री राम भक्त हनुमान जी (Hanuman Ji) को पूजनीय माना जाता है. हनुमान जी (Hanuman Ji) की पूजा के लिए मंगलवार के दिन को विशेष महत्व दिया जाता है. मंगलवार के दिन सभी हनुमान मंदिरों (Hanuman Temple) पर भक्तों की खूब भीड़ लगती है. भारत में हनुमान जी (Hanuman Ji) के अनेकों प्रसिद्ध मंदिर हैं. कई मंदिरों (Hanuman Temple) से बहुत सी मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं. आज हम आपको राजस्थान के एक ऐसे ही हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) के बारे में बताने वाले हैं. यह हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) कई कारणों से खास हैं. तो चलिए जानते हैं यह मंदिर राजस्थान में कहां स्थित हैं और खास क्यों हैं.

राजस्थान के जालोर जिले में स्थित हैं यह मंदिर (Jalore Hanuman Temple)
हनुमान जी का यह मंदिर राजस्थान के जालोर जिले में स्थित है. यह जालोर के कानीवाड़ा में स्थित है. जालोर कानीवाड़ा मंदिर में भक्त सैंकड़ों किलोमीटर दूर से हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं. हनुमान जी सभी भक्तों के कष्ट दूर करते हैं. यहां लोग संतान प्राप्ति के लिए भी मन्नत मांगते हैं. यहां पर पुजारी हनुमान जी की गदा से भक्तों को आशीर्वाद देते हैं.

नहीं है मंदिर की छत
जालोर में स्थित यह हनुमान मंदिर संगमरमर से बना है लेकिन इस मंदिर की छत नहीं है. इस मंदिर की छत न होने के पीछे भी कई मान्यताओं बताई जाती है. हनुमान जी के इस मंदिर में प्रतिमा स्थापित नहीं की गई थी. यहां पर हनुमान जी की प्रतिमा प्रकट हुई थी. हनुमान जी की प्रतिमा के प्रकट होने के बाद यहां पर मंदिर निर्माण कराया गया था. हालांकि मंदिर निर्माण होने के बाद यहां जब भी छत बनाने की कोशिश की जाती है तो उसमें अड़चन आती है. जब यह मंदिर बनाया गया था इसमें तभी से छत नहीं है.

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मंदिर में 10 पीढ़ियों से सेवा कर रहे हैं पुजारी
मंदिर में एक खास बात यह भी है कि यहां पर पिछली 10 पीढ़ियों से चार परिवारों के वंशज ही इस मंदिर में पूजा करते आ रहे हैं. यहां पर यहीं पुजारी भक्तों को हनुमान जी के दर्शन करवाते हैं. ये पुजारी खुद को ऋषि गर्गाचार्य की संतान मानते हैं. यह पुजारी दलित समाज के हैं.

इस हनुमान मंदिर में जल रही है 13 अखंड ज्योत
सभी देवी-देवताओं के मंदिर में अखंड ज्योत जलाई जाती है. यहां पर भी अखंड ज्योत जलती है. हालांकि यहां पर एक-दो नहीं बल्कि 13 अखंड ज्योत जल रही हैं. ऐसी मान्यतां है कि लोग यहां मन्नत पूरी होने के बाद अखंड ज्योत जलाते हैं इसके बाद यहां के पुजारी ज्योत की देखभाल करते हैं. वहीं ज्योति में तेल-घी आदि चीजों का ध्यान रखते हैं.

अधिकांश बच्चों का नाम हैं हनुमान
यहां आस-पास के लोग अपने बच्चों का नाम हनुमान जी के नाम पर रखते हैं. पहले समय में सभी का नाम भगवान के नाम पर रखा जाता है. हालांकि यहां पर आज भी माता-पिता अपने बच्चों का नाम भगवान के नाम पर रखते हैं. जालोर के इस मंदिर के पास स्थित गांवों में अधिकतर लड़कों का नाम हनुमान है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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