Janmashtami Vrat Upay: जन्माष्टमी पर व्रत के साथ करें ये काम, संतान प्राप्ति की कामना होगी पूरी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 07, 2023, 09:37 AM IST

जन्माष्टमी पर व्रत के साथ करें ये काम, संतान प्राप्ति की कामना होगी पूरी

Janmashtami Vrat Upay: संतान प्राप्ति की कामना कर रही हैं तो जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के लिए उपवास रखते हुए उनका जन्मोत्सव मनाएं साथ ही इस मंत्र का जाप करें..

डीएनए हिंदीः शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था और उनके जन्म के इस दिन को लोग कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं. ना केवल भारत में, बल्कि दूसरे देशों में भी रहने वाले कृष्ण भक्त इस दिन की खास तैयारियां करते हैं और मंदिरों में भजन, कीर्तन और झांकियां (Janmashtami 2023) सजाते हैं. वहीं, कई जगहों पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है. भक्त इस दिन अपने आराध्य भगवान कृष्ण के लिए व्रत रखते हैं और रात को 12 बजे उनकी पूजा करके व्रत खोलते हैं. इस दिन व्रत रखना बहुत ही कल्याणकारी होता है. इससे श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करते हैं. इसके अलावा संतान प्राप्ति की कामना के साथ जो महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं, उनकी मनोकामना जल्द ही पूरी होती है...

व्रत करने से पूरी होगी मनोकामना 

अगर आप संतान प्राप्ति की कामना करती हैं, तो श्री कृष्ण की भक्ति करने से अवश्य ही लाभ होगा. इसके अलावा जन्माष्टमी के अवसर पर उन्हें भगवान श्री कृष्ण के लिए उपवास रखते हुए उनका जन्मोत्सव मनाना चाहिए. साथ ही श्री कृष्ण का जाप और एकादशी व्रत भी करना चाहिए. इसके  अलावा प्रत्येक एकादशी के दिन घर में चावल का त्याग करने के साथ ही सुबह श्री कृष्ण और राधा रानी जी को सहृदय प्रणाम कर अपनी मन्नत मांगनी चाहिए. मान्यता है कि इस दिन भगवान की मूर्ति के सामने बैठकर पवित्र भाव से कीर्तन करने और इस मंत्र का जाप करने से मनोकामना पूरी होती है.

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संतान प्राप्ति के लिए मंत्र 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन महिलाओं को संतान प्राप्ति की कामना है, उन्हें अपने पति के साथ जन्माष्टमी के दिन इन दो मंत्रों का जाप करना चाहिए और प्रभु से कामना पूर्ति की प्रार्थना करनी चाहिए.

ये है पहला मंत्र

देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते,
देहिमे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः

जान लें दूसरा मंत्र 

क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः

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पूजन विधि 

जन्माष्टमी के दिन भगवान का गुणगान करते हुए रात्रि को बारह बजे गर्भ से जन्म लेने के प्रति स्वरूप खीरे का नाड़ा काट कर भगवान का जन्म कराएं और इसके बाद जन्मोत्सव मनाते हुए भगवान को पंचामृत से स्नान कराने के बाद गंगा जल से भी स्नान कराएं. साथ ही चंदन, रोली, माला पुष्प और धूप आदि अर्पित कर कपूर जला कर आरती करें. इससे घर में मौजूद नकारात्मकता भी दूर होती है और अभी मनोकामनाएं पूरी होती है. ऐसे में आपकी भी मनोकामना जरूरी पूरी होगी.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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