Janmashtami 2024: मथुरा वृंदावन में 26 या 27 अगस्त किस दिन मनाई जाएंगी जन्माष्टमी, यहां देखें पूरा शेड्यूल

नितिन शर्मा | Updated:Aug 24, 2024, 10:09 AM IST

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी में आने में अब सिर्फ कुछ ही दिन शेष बचे हैं. देश भर से लेकर श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं. यहां सजावट से लेकर भगवान के लिए 56 भोग तैयार किये जा रहे हैं. आइए जानते हैं भगवान के जन्म से लेकर लीलाओं के स्थल मथुरा वृंदावन में जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी.

Mathura Vrindavan Janmashtami 2024: रक्षाबंधन के बाद जन्माष्टमी के त्योहार की तैयारियां शुरू हो चुकी है. इस त्योहार को पूरे देशभर में मनाया जाता है, लेकिन मथुरा वृंदावन में इसका खास महत्व है. कान्हा की नगरी मथुरा वृंदावन में महीनों पहले ही इस त्योहार की तैयारियां शुरू हो जाती है. भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. वहीं माना जाता है कि कृष्ण पक्ष की अष्टमी की रात रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. यही वजह है कि हर साल इसी दिन और तिथि में धूमधाम से श्रीकृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इसे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भी कहा जाता है. मथुरा वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर से लेकर राधा रानी के मंदिर तक को बड़े ही अच्छे तरीके से सजाया जाता है. यहां भगवान को 56 प्रकार के भोग लगाये जाते हैं. वहीं इस दिन रौनक कुछ और ही होती है. आइए जानते इस दिन भगवान को लगाएं जाने वाले भोग से लेकर मथुरा वृंदावन में जन्माष्टमी का त्योहार किस दिन मनाया जाएगा...

मथुरा वृंदावन में इस दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा में जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन रात के समय जन्म स्थान पर​ स्थित मंदिर में भगवान जी को पंचामृत अभिषेक किया जाएगा इसके बाद पूरे विधि विधान से भगवान की पूजा के साथ ही मां यशोदा और नंदलाल का पूजन होगा. भगवान को भोग लगाएंगे जाएंगे. 

वृंदावन में 27 को मनाई जाएगी जन्माष्टमी

वहीं श्री कृष्ण की नगरी वृंदावन में भगवान ने अनेक प्रकार लिलाएं की हैं. यहां पर 27 अगस्त जन्माष्टमी मनाई जाएगी. यहां बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती की जाएगी. साथ ही जन्माष्टमी के दिन रात के समय भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा. जन्माष्टमी की रात 12 बजे बांके बिहारी जी का बाला महाभिषेक होगा. यह पूरे 2 घंटे तक चलेगा. 

साल में 1 बार ही होता है बाला महाभिषेक

भगवान का रात में बाला महाभिषेक किया जाएगा. यह पूरे 2 घंटे तक चलेगा. बाला महाभिषेक साल में सिर्फ 1 बार होता है. इसके बाद कान्हा जी को पीतांबरी पोशाख पहनाकर चिरौंजी मेवे से बनी उनकी प्रिय पंजीरी, माखन मिश्री का भोग लगाया जाएगा. इस दौरान भक्तों को रुकवा रुकवाकर दर्शन कराये जाएंगे. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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