डीएनए हिंदीः जया किशोरी प्रसिद्ध कथावाचिक और मोटिवेशनल स्पीकर (Jaya Kishori Thoughts In Hindi) के रूप में खूब प्रसिद्ध हो चुकी हैं. सोशल मीडिया पर भी उनके लाखों में फैंस और फॉलोइंग हैं. जया किशोरी (Jaya Kishori) का जन्म राजस्थान के सुजानगढ़ गांव में हुआ था. वह बचपन से ही धर्म से जुड़ी हुई हैं. जया किशोरी (Jaya Kishori Love Quotes) का मन शुरुआत से ही धर्म और आध्यात्म में लगता है. जया किशोरी (Jaya Kishori Thoughts In Hindi) अपनी कथाओं को लेकर तो कभी अपनी मोटिवेशनल बातों को लेकर चर्चा में रहती हैं. जया किशोरी (Jaya Kishori Love Quotes) ने प्रेम की अपनी परिभाषा बताई है चलिए आपको भी जया किशोरी की बताई प्यार की परिभाषा (Jaya Kishori Thoughts On Love) के बारे में बताते हैं.
निस्वार्थ होना चाहिए प्रेम
प्रेम हमेशा निस्वार्थ होना चाहिए. यदि प्रेम में स्वार्थ जुड़ा हुआ है तो यह सच्चा प्रेम नहीं हो सकता है. ऐसा प्रेम सिर्फ स्वार्थ निकलने तक ही रहता है. जब व्यक्ति का स्वार्थ पूरा हो जाता है तो रिश्ता भी टूट जाता है. प्यार में व्यक्ति का स्वार्थ शारीरिक, भावनात्मक और बौद्धिक हो सकता है. स्वार्थ पर चलने वाला प्रेम कभी भी सफल नहीं होता है.
प्रेम में करें समर्पण
व्यक्ति अक्सर प्रेम होने पर समर्पण करता है. आप जिससे प्यार करते हैं उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण करते हैं. इसके लिए आप अपना सब कुछ समर्पण कर देते हैं. हालांकि प्रेम में स्वंय का समर्पण कर देना ही सर्वश्रेष्ठ हैं. यह प्रेम आपको माता-पिता भगवान आदि किसी से भी हो सकता है.
स्वंय से करें प्रेम
मनुष्य को किसी से प्रेम करने से पहले खुद से प्यार करना चाहिए. स्वंय से प्रेम करने पर आपको जीवन खूबसूरत लगने लगेगा. लोग अक्सर ऐसा सोचते है कि मैं यह काम नहीं कर सकता आपको अपने अंदर से इस भावना को निकाल देना चाहिए. स्वंय से प्रेम करके आप जीवन को सुखद बना सकते हैं.
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