डीएनए हिंदीः कुंडली में राहु और बुध की युति से जड़त्व योग अगर बनता हो तो ये योग शिक्षा में बाधा उत्पन्न करता है. जन्म कुंडली में विभिन्न ग्रहों की स्थिति के प्रभाव से विभिन्न योगों का निर्माण होता है. इनमें से कुछ योग शुभ तो कुछ योग अशुभ प्रभाव देते हैं. आज हम जड़त्व योग पर चर्चा करेंगे.
यह जन्मांग का योग है जो जातक की उन्नति में बाधा उत्पन्न करता है. विशेषकर छात्राओं के लिए यह योग अत्यंत हानिकारक है. यदि जन्म कुंडली में जड़त्व हो तो शिक्षा में अनेक प्रकार की परेशानियां उत्पन्न होती हैं. कड़ी मेहनत के बावजूद परीक्षा में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाती है.लेकिन कुछ उपाय भी हैं जो इस योग को निष्क्रिय कर सकते हैं.
जड़त्व योग क्या है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब जन्म कुंडली में राहु और बुध एक साथ होते हैं तो जड़त्व योग बनता है. शिक्षा में अच्छे परिणाम के पीछे बुध का प्रभाव होता है. यदि राहु बुध के साथ हो तो शिक्षा में कोई सुधार नहीं हो सकता.
जड़त्व योग के प्रभाव
जैसा कि नाम से पता चलता है, जड़त्व योग जातक की प्रगति के रास्ते में रुकावटें लाता है. यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि जड़त्व योग के साथ पैदा हुए जातक की बुद्धि का विकास ठीक से नहीं होगा. लेकिन इस जड़त्व योग के कारण जातक को बुद्धि की आवश्यकता वाले कार्यों में अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे.
इस योग के अशुभ प्रभाव के कारण कई बार जातक की शिक्षा के मार्ग में परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं और कभी-कभी इस योग के कारण जातक काफी विद्वान होने के बावजूद भी उसका ज्ञान और विद्वता ठीक से प्रकट नहीं हो पाती है. इसलिए आस-पास के लोग उन्हें विद्वान के रूप में नहीं पहचानते. यदि इन सभी मामलों में जड़ता हो तो जातक अक्सर अवसादग्रस्त हो जाता है.
अतिरिक्त जड़ता के कारण परीक्षा उत्तीर्ण करना कठिन हो जाता है. या फिर किसी तरह पास हो गए लेकिन अच्छे अंक नहीं मिले. वे अपनी योग्यता, प्रतिभा और विद्वता को सबके सामने प्रदर्शित नहीं कर पाते.
जड़त्व योग से बचने के उपाय
जड़त्व योग से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि राहु और बुध की युति वर्ष में केवल एक बार ही होती है, वह भी केवल 20 से 25 दिनों के लिए. जड़त्व योग को दूर करने के लिए बुध ग्रह को प्रसन्न करना जरूरी है. जानिए जड़त्व योग के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए क्या करें.
1-चतुर्थी तिथि पर व्रत रखें और भगवान गणेश की पूजा करें. भगवान गणपति की दूर्बा और लड्डू से पूजा करें.
2-विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा करने से जड़त्व योग के बुरे प्रभाव दूर हो सकते हैं.
3-रोजाना पढ़ने के लिए बैठने से पहले ध्यान करना जरूरी है.
4-अपनी छोटी बहन को हमेशा खुश रखें. तब बुध संतुष्ट होते हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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