डीएनए हिंदीः भविष्य में बद्रीनाथ मंदिर के पट बंद होने के बाद भी भगवान विष्णु जोशीमठ के पास ही अपना निवास स्थान बनाएंगे. भविष्य बद्रीनाथ जोशीमठ के बेहद करीब ही होगा. जी हां उत्तराखंड के जोशीमठ से कुछ ही दूरी पर मौजूद ‘भविष्य बद्री’ मंदिर में भगवान विष्णु का भविष्य में निवास होगा.
मौजूदा बद्रीनाथ से भविष्य बद्रीनाथ का मंदिर कितना दूर होगा और क्यों इस जगह ही भगवान विष्णु यहां विराजमान होंगे, चलिए इस बारे में आपको पूरी जानकारी दें और साथ ही पंच बद्री मंदिर के बारे भी बताएं. साथ ही यह भी जान लें कि भविष्य बद्रीनाथ का स्वयंभू रूप कहां दिखना शुरू हो गया है.
पंच बद्री मंदिर
बद्रीनाथ के उत्तर-पश्चिमी से करीम 24 किमी की दूरी पर सतोपंथ है और यहां से दक्षिण में नंदप्रयाग है. इसी क्षेत्र को बद्रीक्षेत्र कहा जाता है. ये क्षेत्र में भगवान विष्णु को समर्पित है और यहीं पर पंच मंदिर हैं और इन्हें पंच बद्री कहा जाता है. बद्रीनाथ इन पंच बद्री का प्रमुख मंदिर है. यहां चार अन्य बद्री मंदिर भी हैं, जिसमें योगध्यान बद्री, भविष्य बद्री, वृद्ध बद्री और आदि बद्री शामिल हैं.
जोशीमठ से कितनी दूर होगा भविष्य बद्रीनाथ मंदिर
भविष्य बद्री जोशीमठ से करीबन 25 किमी और बद्रीनाथ से 56 किमी दूर पर स्थित होगा. भविष्य बद्री अभी भी तीर्थ स्थल है. जब जोशीमठ के दरकने से बद्रीनाथ जाने का रास्ता बंद ही जाएगा तब भगवान विष्णु इस भविष्य मंदिर में निवास करेंगे और नरसिंघ के रूप में उन्हें पूजा होगी.
बद्रीनाथ के पट बंद होने के बाद यही रहते हैं विष्णु जी
जोशीमठ में मौजूद नरसिंघ मंदिर में भगवान नरसिंघ की मूर्ती के हाथ धीरे-धीरे पतले हो रहे हैं. मान्यता है कि दिन जब हाथ मूर्ती से अलग हो जाएंगे और उस दिन बद्रीनाथ का रास्ता भी बंद हो जाएगा. तब भविष्य बद्री सबके सामने आएंगे. बद्रीनाथ के पट बंद हो जाने के बाद जोशीमठ के नरसिंघ मंदिर में ही भगवान विष्णु निवास करते हैं.
यहां नजर आने लगी हैं स्वयंभू भगवान विष्णु की मूर्ती
भविष्य में जहां भगवान विष्णु जी के दर्शन होंगे, वो भविष्य बद्री मंदिर घने देवदार के जंगलों में मौजूद है. यहां के पुजारी बताते हैं कि धीरे-धीरे मंदिर के एक पत्थर पर भगवान विष्णु और सभी देवी देवताओं की आकृति उभर रही है. हालांकि धीमी प्रक्रिया की वजह से इसे देख पाना हर किसी के बसकी नहीं है. लेकिन भविष्य बद्री के आसपास के लोग और सनातन धर्म के जानकार इसे समझ सकते हैं.
यहां तक कैसे पहुंचेंगे
बता दें इस मंदिर तक पहुंचने के साधन काफी सीमित हैं. जोशीमठ के सबसे पास का हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो करीबन 268 किमी दूर है. ऋषिकेश, जोशीमठ का पास का रेलवे स्टेशन है, जो 250 किमी दूर है. जब आप जोशीमठ पहुंच जाएंगे, तो यहां से मंदिर की दूरी 25 किमी रह जाती है, लेकिन यहां से वहां तक जाने का रास्ता इतना आसान नहीं है. जोशीमठ से 19 किमी दूर सलधार तक आप सड़क द्वारा किसी भी वाहन से पहुंच सकते हैं, लेकिन सलधार से भविष्य मंदिर तक के लिए 6 किमी की यात्रा पैदल तय करनी पड़ेगी. इस सफर में घने जंगल और धौली गंगा के किनारे मुश्किल रास्ते पर करीबन 3 किमी का सफर तय करना पड़ता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.