Kalashtami 2023: ज्येष्ठ कालाष्टमी व्रत आज, इस विधि से पूजन करने से काल भैरव दूर करेंगे सभी कष्ट

Written By Aman Maheshwari | Updated: May 12, 2023, 06:14 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

Kalashtami 2023: कालाष्टमी पर व्रत करने से जीवन की सभी समस्याओं का अंत होता है और मनोकामना पूरी होती है.

डीएनए हिंदीः हिंदू पंचांग के हर माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को कालाष्टमी (Kalashtami 2023) के रूप में मनाया जाता है. कालाष्टमी Kalashtami 2023 पर व्रत व पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. कालाष्टमी (Kalashtami 2023) पर भगवान भैरव की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि कालाष्टमी (Kalashtami 2023) पर व्रत करने से जीवन की सभी समस्याओं का अंत होता है और मनोकामना पूरी होती है. अब इस मई महीने में ज्येष्ठ माह का कालाष्टमी (Kalashtami 2023) व्रत आने वाला है. तो चलिए कालाष्टमी (Kalashtami 2023) व्रत की सही तिथि, मुहूर्त व पूजा विधि के बारे में आपको बताते हैं.

ज्येष्ठ माह कालाष्टमी 2023 तारीख (Kalashtami 2023 Date)
प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है. ज्येष्ठ माह की कालाष्टमी तिथि की शुरूआत 12 मई 2023 की सुबह 09ः06 पर होगी. इसका समापन अगले दिन 13 मई को सुबह 06ः50 पर होगा. भगवान भैरव की पूजा उपासना रात के समय की जाती है ऐसे में कालाष्टमी 12 मई को मनाई जाएगी. 

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ज्येष्ठ माह कालाष्टमी 2023 पूजा विधि (Kalashtami 2023 Puja Vidhi)
- कालाष्टमी व्रत के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर चौकी पर मां पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें.
- भगवान को स्थापित करने के बाद जल छिड़काव करने के बाद भगवान को फूल अर्पित करें. फूल चढ़ाने के बाद भगवान के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं. 
-  भगवान शिव व मां पार्वती की पूजा करें और आरती करें. भगवान शिव का पूजन करने के बाद भगवान भैरव की पूजा करें. 
- कालाष्टमी के दिन आधी रात को धूप, काले तिल, दीपक, उड़द, सरसों का तेल अर्पित कर कालभैरव की पूजा करें.
- भगवान भैरव की पूजा में इन मंत्रों का जाप करें.
काल भैरव देव के मंत्र
ओम भयहरणं च भैरव:
ओम कालभैरवाय नम:
ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं
ओम भ्रं कालभैरवाय फट्

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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