डीएनए हिंदी: (Kaal Sarp Dosh) कुंडली में कालसर्प दोष जीवन में कई सारी परेशानियां खड़ी कर देता है. यह ग्रहों के दोष और चाल से बनने वाला एक योग है, जो व्यक्ति के पूर्व जन्मों के कर्माें से उत्पन्न होता है. यह योग कुंडली में सभी ग्रहों के घीरे पर बनता है. यह बहुत ही कष्ट भरा होता है, लेकिन कहा जाता है कि समस्या है तो उसका समाधान भी अवश्य ही होगा. इसी तरह इसका भी उपाय सावन के माह में मिल जाता है.
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शास्त्रों की मानें तो सावन के माह में देवी देवता पृथ्वी पर भ्रमण के लिए निकले हैं. खासकर यह माह भगवान शिव का होता है. भगवान शिव बहुत ही भोले और जल्द ही प्रसन्न होने वाले भगवानों में से एक हैं. शिवपुराण में भी कहा गया है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर प्रतिदिन एक लोटा जल ही काफी है. इसके साथ कालसर्प योग बनने पर शिवजी की उपासन करना बेहद कारगार उपाय है. इसे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.
भगवान प्रसन्न होने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम होने लगता है. इसकी वजह भगवान शिव की उपासन करने से नागराज का प्रसन्न होना है. नागराज के प्रसन्न होते ही काल सर्प दोष का प्रभाव भी खत्म हो जाता है. इसके लिए सावन की शुरुआत में ही ये काम जरूर करें.
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सावन की शुरुआत के साथ ही महा महामृत्युंजय या ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. साथ ही सावन में पूरे माह शिवलिंग पर जलाभिषेक करें. इसे भगवान प्रसन्न होते हैं. महामृत्युंजय मंत्र का 1 लाख 32 हजार बार रुद्राक्ष की माला से जाप से काल सर्प दोष से मुक्त हो सकते है. साथ ही बेलपत्र चढ़ाएं
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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