Ashadha Purnima Vrat 2024: कब रखा जाएगा आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत, जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त

Abhay Sharma | Updated:Jul 18, 2024, 10:44 AM IST

आषाढ़ पूर्णिमा 2024 

Ashadha Purnima Vrat 2024: पूर्णिमा तिथि के दिन पूजा-पाठ, स्नान-दान और जप-तप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में आइए जानते हैं कब रखा जाएगा आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत और क्या है शुभ मुहूर्त...

हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadha Purnima) के अगले दिन से सावन (Sawan) महीने की शुरुआत होती है और यह महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है. हिंदू धर्म में आषाढ़ पूर्णिमा का विशेष महत्व है. ज्योतिषियों के अनुसार इस बार आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadha Purnima 2024) पर सर्वार्थ सिद्धि योग समेत 3 शुभ योग का निर्माण हो रहा है. पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को ही गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) भी मनाई जाती है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा (Purnima) तिथि के दिन पूजा-पाठ, स्नान-दान और जप-तप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में आइए जानते हैं कब रखा जाएगा आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत और क्या है शुभ मुहूर्त...

कब रखा जाएगा आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत? 

इस बार आषाढ़ पूर्णिमा व्रत को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार 20 जुलाई को सुबह 5 बजकर 59 मिनट पर पूर्णिमा तिथि शुरू होगी, जिसका समापन अगले दिन 21 जुलाई को संध्याकाल 3 बजकर 46 मिनट पर होगा. इसलिए उदयातिथि के अनुसार इस बार 21 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा मनाई जाएगी और इसी दिन स्नान-ध्यान व दान-पुण्य किया जाएगा.


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आषाढ़ पूर्णिमा 2024 स्नान दान का मुहूर्त

शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान का विशेष महत्व है और 21 जुलाई के दिन ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 04:13 से सुबह 04:55 के बीच रहेगा. इसके अलावा दान के लिए अभिजीत मुहूर्त को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और ज्योतिषिय गणना के अनुसार इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 से दोपहर 12:55 के बीच रहेगा. वही संध्या पूजा के लिए 07:24 से रात्रि 08:35 के बीच का मुहूर्त रहेगा.


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आषाढ़ पूर्णिमा का महत्व? 

शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति पूर्णिमा तिथि के दिन पूजा-पाठ और स्नान-दान करता है, उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी कष्ट दूर होते हैं. इस व्रत को करने से पिछले जन्म और इस जन्म में अज्ञानता वश किए गए पापों से भी मुक्ति मिल जाती है. इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है. ऐसे में व्यक्ति सामर्थ्य अनुसार, भोजन, वस्त्र या धन का दान कर सकता है. ऐसा करने से आपको देवी-देवताओं के साथ-साथ पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है और कई प्रकार के ग्रह दोष भी इससे दूर हो जाते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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