Dhanteras 2023 Date: 10 या 11 नवंबर कब है धनतेरस? नोट कर लें सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 02, 2023, 09:37 AM IST

10 या 11 नवंबर कब है धनतेरस? नोट कर लें सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Dhanteras 2023 Date: धनतेरस से दिवाली की शुरुआत हो जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं इस बार कब है धनतेरस, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व...

डीएनए हिंदी: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है और इस बार यह शुभ तिथि 10 नवंबर, दिन शुक्रवार को (Dhanteras 2023 Date) पड़ रही है. इस दिन कुबेर देव और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है. इसके अलावा धनतेरस के दिन खरीदारी का भी खास महत्व है, लोग इस दिन सोना, चांदी, बर्तन आदि की खरीदारी करते हैं. इसके  अलावा कई लोग वाहन और प्रॉपर्टी भी (Dhanteras 2023) खरीदते हैं. ऐसा माना जाता है इस दिन खरीदारी करने से आय में वृद्धि होती है और घर में धन, वैभव और सुख-समृद्धि बनी रहती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन देवताओं के वैध भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए इस दिन धन्वंतरि जयंती भी मनाया जाता है. आइए जानते हैं धनतेरस की सही तिथि और पूजा- मुहूर्त और महत्व...

धनतेरस शुभ तिथि 2023 (Dhanteras 2023 Tithi)

पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी जो अगले दिन 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा प्रदोष काल में की जाती है और इस बार त्रयोदशी तिथि का प्रदोष काल 10 नवंबर को शाम को 05 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर राज 08 बजकर 7 मिनट तक है. ऐसे में प्रदोष पूजा मुहूर्त को देखते हुए ही इस बार धनतेरस 10 नवंबर को मनाया जाएगा.क्योंकि पंचांग के अनुसार 11 नवंबर को त्रयोदशी तिथि में प्रदोष मुहूर्त नहीं है.

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त (Dhanteras Puja Ka Shubh Muhurat)  

इस बार धनतेरस पूजा मुहूर्त 10 नवंबर को शाम को 5 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 43 मिनट तक है और इस बीच में आप माता लक्ष्मी, कुबेर, गणेश जी, श्रीयंत्र की पूजा कर सकते हैं. इस दिन विधिवत पूजा करने से जीवन में सुख- समृद्धि का वास रहता है और धन- धान्य की प्राप्ति होती है.

पूजा- विधि (Dhanteras Puja Vidhi) 

इस दिन साफ- सुथरे कपड़े पहन कर शाम को भगवान धन्वंतरि, कुबेर जी और माता लक्ष्मी का चित्र या प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें और फिर दीपक और धूप जलाएं. फिर सभी भगवान को रोली से तिलक करें और उनको फल और पुष्प चढाएं. इसके बाद विधिवत भगवान कुबेर और मां लक्ष्मी का भी पूजन करें और अंत में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करे. शास्त्रों अनुसार भगवान धन्वंतरि को विष्णु भगवान का ही अवतार माना जाता है, इसलिए इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

धनतेरस का महत्व (Dhanteras Significance) 

धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, कुबेर भगवान, भगवान धन्वंतरि की पूजा- अर्चना करने से जीवन में धन की संपन्नता बनी रहती है और घर में धन, वैभव और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. इसके अलावा इस दिन सोना- चांदी या कोई बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है, ऐसी मान्यता है की इससे आय में वृद्धि होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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