Gupta Navratri: इस दिन से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, ये 9 दिन शाक्त-शैव के लिए होता है खास, होगी तंत्र-मंत्र की साधना

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 19, 2023, 10:44 AM IST

इस दिन से शुरू हो रही है माघ माह की गुप्त नवरात्रि

Gupt Navratri 2023: 22 जनवरी से माघ माह की गुप्त नवरात्रि शुरू होने वाली है, इस दौरान 9 दिनों तक डाकिनी-शाकिनी और शूलवाहनी की पूजा होती है. 

डीएनए हिंदीः हिंदू पंचांग के अनुसार साल के 11वें महीने यानी माघ में गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2023) का पर्व मनाया जाता है, जो कि माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक चलता है. ऐसे में इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि (Magh Maas Gupt Navratri 2023 Date) 22 से 30 जनवरी तक मनाई जाएगी. गुप्त नवरात्रि के इन 9 दिनों में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. बता दें कि चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं. जिसमें से एक गुप्त नवरात्रि माघ और दूसरी आषाढ़ के महीने में पड़ती है. 22 जनवरी से माघ माह की गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है. धर्म ग्रंथों में प्रकट नवरात्रि की तरह गुप्त नवरात्रि को भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.

गुप्त नवरात्रि में मनाए जाएंगे ये व्रत-उत्सव (Gupt Navratri 2023 Vrat)
 
इस बार गुप्त नवरात्रि के दौरान 25 जनवरी को विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा. जिसके बाद 26 जनवरी को देवी सरस्वती का प्रकटोत्सव वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाएगा, 28 जनवरी को अचला और रथ सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा, 29 जनवरी को भीष्म अष्टमी और गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन यानी 30 जनवरी को महानंद नवमी का उत्सव मनाया जाएगा. इसके अलावा हिंदू पंचांग के अनुसार, ये विक्रम संवत्सर 2079 की अंतिम नवरात्रि होगी. 

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30 साल बाद शनि के शुभ संयोग में गुप्त नवरात्रि (Shani Yog In Gupt Navratri 2023) 

17 जनवरी से शनि ग्रह मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में आ प्रवेश कर चुके हैं. ऐसा योग 30 साल में एक बार बनता है जब शनि अपनी ही ग्रह राशि कुंभ में रहते हैं. ऐसे में इस बार शनि के स्वराशि में होते हुए माघ मास की गुप्त नवरात्रि मनाई जाएगी. इसके अलावा गुप्त नवरात्रि के पहले ही दिन यानी 22 जनवरी को शुक्र ग्रह भी कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. इसलिए शुक्र-शनि की युति पूरे नवरात्रि के दौरान बनी रहेगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र और शनि दोनों मित्र ग्रह हैं, इसलिए इन दोनों की युति शुभ फल देने वाली रहेगी.

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क्यों विशेष है माघ की गुप्त नवरात्रि? (Why Magh's Gupta Navratri is special?)

माघ मास की गुप्त नवरात्र में वामाचार यानी तंत्र-मंत्र पद्धति से देवी को प्रसन्न करने का विधान है. यह समय शाक्त यानी महाकाली की पूजा करने वाले एवं शैव यानी भगवान शिव की पूजा करने वालों के लिए विशेष होता है. इसके अलावा इस गुप्त नवरात्र में संहारकर्ता देवी-देवताओं के गणों यानी भूत-प्रेत, पिशाच, बेताल, डाकिनी, शाकिनी, खण्डगी, शूलनी, शववाहनी, शवरूढ़ा आदि की साधना की जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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