Mangla Gauri Vrat 2024: सावन में कब-कब रखा जाएगा मंगला गौरी व्रत? जानें सही डेट और पूजा विधि

Written By Abhay Sharma | Updated: Jul 19, 2024, 06:44 AM IST

 मंगला गौरी व्रत

Mangla Gauri Vrat Date: सावन के महीने में मंगला गौरी व्रत रखने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है और रुके हुए काम पूरे होते हैं. जानें इस बार कब-कब रखा जाएगा यह व्रत...

सावन (Sawan) के महीने में भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में पड़ने वाले मंगला गौरी (Mangla Gauri Vrat) व्रत रखने से अविवाहित लड़कियों की शीघ्र विवाह के योग बनते हैं और विवाहित स्त्रियों के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है. साथ ही पति को दीर्घायु का आशिर्वाद प्राप्त होता है. 

हिंदू पंचांग के अनुसार मंगला गौरी (Mangla Gauri Vrat Date 2024) व्रत सावन महीने के हर मंगलवार को रखा जाता है. ऐसे में आइए जान लेते हैं इस बार कब-कब रखा जाएगा मां पार्वती (Mata Parvati) को समर्पित मंगला गौरी व्रत और क्या है पूजा विधि...

सावन में कब है मंगलागौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2024 Date)

  • 23 जुलाई 2024- पहला मंगला गौरी व्रत
  • 30 जुलाई 2024- दूसरा मंगला गौरी व्रत
  • 06 अगस्त 2024- तीसरा मंगला गौरी व्रत
  • 13 अगस्त 2024 को- चौथा मंगला गौरी व्रत 

व्रत पूजा विधि (Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi)

इस दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहने और फिर इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. इस दिन मंदिर की साफ-सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें और फिर पूजा की शुरुआत करें. इसके बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा विराजमान करें. 

इसके बाद भगवान शिव का अभिषेक कर अक्षत, कुमकुम, फूल, फल, माला अर्पित करें और धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं. भगवान से पति की दीर्घायु के लिए कामना करें. साथ ही मां पार्वती का सोलह श्रृंगार करें और फिर देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जप करें और खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं. आखिर में लोगों में प्रसाद का वितरण करें. 

करें इन मंत्रों का जप (Mangla Gauri Vrat Mantra)

  • ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः
  • ऊँ पार्वत्यै नमः
  • ऊँ साम्ब शिवाय नमः
  • ऊँ गौरये नमः

सुख-शांति के लिए मंत्र
मुनि अनुशासन गनपति हि पूजेहु शंभु भवानि, कोउ सुनि संशय करै जनि सुर अनादि जिय जानि. 

प्रेम विवाह के लिए मंत्र
हे गौरी शंकरार्धांगी, यथा त्वं शंकर प्रिया तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्.

सफलता प्राप्ति के लिए मंत्र
ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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