Kajari Teej 2024: इस दिन रखा जाएगा कजरी तीज का व्रत, जानें संतान की प्राप्ति से लेकर शुभ मुहूर्त और धार्मिंक महत्व

Written By नितिन शर्मा | Updated: Aug 21, 2024, 08:45 AM IST

हिंदू धर्म में कजरी तीज का विशेष महत्व है. यह त्योहार जन्माष्टिमी से पहले भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. इसे कज्जली तीज, सातुड़ी तीज भी कहा जाता है. इस तीज पर महिलाएं संतान प्राप्ति से लेकर उसकी सुरक्षा के लिए व्रत रखती हैं. यह व्रत महिलाएं अखण्ड सौभाग्य, संतान की प्राप्ति के लिए रखती हैं. कुंवारी कन्याएं कजरी तीज का व्रत मनचाहा वर पाने के लिए रखती हैं. वहीं इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं किस दिन है कजरी तीज व्रत, इसका शुभ मुहूर्त और तिथि...

हिंदू धर्म में कजरी तीज का विशेष महत्व है. यह त्योहार जन्माष्टिमी से पहले भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. इसे कज्जली तीज, सातुड़ी तीज भी कहा जाता है. इस तीज पर महिलाएं संतान प्राप्ति से लेकर उसकी सुरक्षा के लिए व्रत रखती हैं. यह व्रत महिलाएं अखण्ड सौभाग्य, संतान की प्राप्ति के लिए रखती हैं. कुंवारी कन्याएं कजरी तीज का व्रत मनचाहा वर पाने के लिए रखती हैं. वहीं इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं किस दिन है कजरी तीज व्रत, इसका शुभ मुहूर्त और तिथि...

कजरी तीज 2024 (Kajari Teej 2024 Tithi)

पंचांग के अनुसार, कजरी तीज पूजा के लिए तृतीया तिथि शुरुआत 21 अगस्त 2024 को शाम 5 बजकर 5 मिनट से होगा. तृतीया तिथि 22 अगस्त 2024 को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि को देखते हुए 22 अगस्त 2024 कजरी तीज मनाई जाएगी. 

यह है शुभ मुहूर्त (Kajari Teej Shubh Muhurat)

कजरी तीज का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 50 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने के साथ ही व्रत का संकल्प लेना शुभ होगा. भगवान की पूजा अर्चना से मनोकामना पूर्ण होगी. 

यह है कजरी तीज का महत्व (Kajari Teej Importance) 

शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने 108 साल तक तपस्या की थी. इसी के बाद भोलेनाथ उनसे शादी करने के लिए प्रसन्न हुए थे. तभी से इसको कजरी तीज या कजली तीज के रूप में मनाया जाने लगा है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. वहीं कजरी तीज को संतान प्राप्ति के लिए खास माना जाता है. इसलिए महिलाएं संतान सुख पाने के लिए विधि-विधान के साथ पूजा करके तीज माता की कथा भी सुनती हैं. कजरी तीज के दिन सुहागिन और कुवांरी कन्याएं एक साथ मिलकर पूजा अर्चना करती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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