Raksha Sutra Niyam: ऋषि सुनक भी बांधते हैं हाथों में पावरफुल रक्षासूत्र, जानें क्या है महत्व और इससे जुड़े नियम

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 17, 2023, 02:01 PM IST

ऋषि सुनक भी बांधते हैं हाथों में पावरफुल रक्षासूत्र, जानें क्या है महत्व 

Kalava Bandhne Ke Niyam: हिंदू धर्म में पूजा के बाद हाथ में रक्षासूत्र बांधने का नियम है. यहां जानिए हाथों में कलावा क्यों बांधा जाता है और क्या है इसे बांधने का सही नियम..

डीएनए हिंदी: सनातन धर्म में बताए गए नियमों या रीति-रिवाजों में से एक है पूजा के बाद हाथ में कलावा (Kalava) बांधने का नियम. बता दें कि यह न केवल धार्मिक रूप से महत्व रखता है बल्कि इसके स्वास्थ्य को लेकर भी कई लाभ हैं. यही वजह है कि सनातन धर्म को मानने वाले ज्यादातर लोग अपने हाथ में कलावा (Raksha Sutra Niyam) जरूर बांधते हैं. लोग कलावा कभी यज्ञ से पहले तो कभी संकल्प या रक्षासूत्र (Raksha Sutra) के रूप में बांधते हैं.आपने ये कलावा भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के हाथ में भी देखा (Kalava In Hand) होगा, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी अपने हाथ में हमेशा कलावा बांध कर रखते हैं. आइए जानते हैं कि हिंदू धर्म (Mauli Significance) में कलावा क्यों बांधा जाता है और क्या है इसे बांधने का सही नियम... 

 

रक्षासूत्र का महत्व

हाथ में कलवा या रक्षासूत्र बांधने से तीनों देव आर्थत 'त्रिदेव' और तीनों महादेवियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे मनुष्य को बल, बुद्धि, विद्या और धन की प्राप्ति होती है, कहा जाता है जब दानवीर राजा बलि की अमरता के लिए भगवान विष्णु वामन रूप धारण करके आए थे, तब  विष्णु जी ने राजा बलि की कलाई पर रक्षासूत्र बांधा था. इसलिए आज भी कलाई पर रक्षासूत्र बांधते समय इस कथा को श्लोक के माध्यम से दोहराया जाता है.. 

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श्लोक

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

जानें रक्षासूत्र बांधने का नियम

शास्त्रों के अनुसार पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में रक्षासूत्र बांधना चाहिए, इसके अलावा विवाहित स्त्रियों को बाएं हाथ में कलवा बंधवाना चाहिए. कलावा बांधते समय हाथ की एक मुट्ठी बंद रखकर दूसरा हाथ सिर पर रखें. ऐसा करने से मन शांत रहता है और आत्म बल में वृद्धि होती है. इतना ही नहीं इससे मन में नकारात्मक विचार नहीं आते हैं. 

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रक्षा सूत्र को बदलने-उतारने का नियम

  • पूजा पाठ के अलावा अगर अन्‍य किसी दिन कलावा बांधना चाहते हैं, तो इसके लिए मंगलवार और शनिवार का दिन शुभ होता है. 
  • साथ ही मंगलवार और शनिवार को ही कलावे को बदलने का नियम है. 
  • इसके अलावा एक बार बांधा हुआ कलावा सप्‍ताह भर से ज्‍यादा नहीं पहनना चाहिए और इसे जल्द बदल लें. 
  • पुराना कलावा कहींं भी न फेंकें इसे या तो पीपल के पेड़ के नीचे रखें या फिर मिट्टी में गाड़ दें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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