डीएनए हिंदी : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी सूर्य देव किसी राशि मे प्रवेश करते हैं तो उस से संबंधित राशि के अनुसार संक्रांति मनाई जाती है. 17 सितंबर को सूर्य देव का कन्या राशि मे प्रवेश करने का योग बन रहा है इसलिए 17 सितंबर को कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti) मनाई जाएगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य देव (Sun Transit) सिंह राशि से निकल कर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे जिसके बाद पूरे एक महीने तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे (Kanya Sankranti 2022 Date).
कन्या संक्रांति में सूर्य पूजा से दूर होती हैं समस्याएं
कन्या संक्रांति के दिन सूर्य को नियमानुसार अर्ध्य देने से नौकरी व व्यापार संबंधी समस्याएं दूर होती हैं साथ ही इस दिन सूर्य देवता की पूजा करने से जीवन में यश, कीर्ति, तेज और दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है. कन्या संक्रांति में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है.
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यह है महत्व (Significance of Kanya Sankranti)
कन्या संक्रांति के दिन पूर्वजों की आत्मा की संतुष्टि के लिए निमित्त तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करना शुभ माना जाता है(Pitru paksha 2022). इसके साथ ही इस दिन भगवान विश्वकर्मा के जन्मोत्सव के रूप में विश्वकर्मा पूजा भी मनाया जाएगा. इस दिन विशेष रूप से औजारों की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के महल और शास्त्रों का निर्माण किया था. इसलिए इस दिन खासतौर पर औजारों की पूजा की जाती है.
यह है शुभ मुहूर्त
पुण्य काल मुहूर्त - सुबह 07:36 से दोपहर 02:08 मिनट तक
महा पुण्यकाल मुहूर्त - सुबह 07:36 मिनट से सुबह 09:38 मिनट तक
कन्या संक्रांति सही समय सुबह 07:36 मिनट पर
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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