डीएनए हिंदी: Kartik Maas Me Kya Khaye aur Kya Na Khaye- 10 अक्टूबर से कार्तिक मास शुरू हो गया है, इस महीने में कई बड़े त्योहार आते हैं, दिवाली, भैया दूज, छठ,तुलसी पूजन, अहोई अष्टमी (Big Festivals in Kartik Maas) आदि. इस मास को श्रीकृष्ण का मास कहते हैं, साथ ही इस मास में विष्णु, लक्ष्मी जी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
आईए जानते हैं इस मास में खाने पीने के क्या नियम हैं, क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. शास्त्रों के अनुसार ये मास भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी तथा तुलसी माता की पूजा का विशेष महत्व है. इसके अलावा इस मास में यक्षराज कुबेर, यमदेव, भगवान धन्नवंतिर की भी पूजा की जाती है. इसलिए इस मास में खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाता है.
क्या खाएं (Food For Kartik Maas)
इस महीने में मूली खाने का विशेष महत्व है, मूली खाने से वैसे भी सेहत लाभ मिलता है. आप मूली को किसी भी रूप में खा सकते हैं, इसके अलावा दूध, खीर, मेवे और दूध की चीजें काफी अच्छी मानी जाती है.
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क्या न खाएं (Food to Avoid in Kartik Maas)
इस महीने को बहुत ही पवित्र माना जाता है, ऐसे में इस पूरे मास तामसिक भोजन जैसे मछली, मांस से बचना चाहिए, प्याज लहसुन भी बहुत लोग नहीं खाते हैं. नशीले पदार्थों का सेवन करने से भी बचना चाहिए. अगर आप कार्तिक मास के दौरान इसका पालन करते हैं तो भगवान श्री कृष्ण और राधारानी दोनों ही प्रसन्न होते हैं
जो लोग चाय और कॉफी का सेवन करते हैं वे भी कम से कम इस महीने इसे बंद कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर हर्बल चाय का सेवन कर सकते हैं. इस महीने में ऐसी कुछ चीजें खाएं जिससे आपका मन और तन दोनों ही स्वच्छ और पवित्र हो
कार्तिक मास के दौरान सादा भोजन करें, जो बिना प्याज और लहसुन से बना हो. घर का बना भोजन करें, कोशिश करें बाहर खाने की जरूरत ना पड़े. जहां तक संभव हो भोजन का निश्चित समय तय करें और रोज उसी समय ग्रहण करें. सूर्यास्त से पहले भोजन ग्रहण करना शुभ माना गया है. इसके अलावा जंक फूड और तली हुई चीजों से बचें
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कार्तिक मास में शहद,तिल,तिल का तेल, हींग, बैंगन, राजमा, उड़द की दाल (कोई भी खिचड़ी),करेला, तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे समोसा और पकोड़े आदि का सेवन वर्जित माना जाता है.
इस मास में बैंगन खाने से व्यक्ति के जीवन में पित्त दोष पैदा होते हैं. इसके अलावा दही खाना संतान के लिए अशुभ साबित होते है. करेला में न दिखाई देने वाले कीड़ों की संख्या बढ़ती है क्योंकि जीरे की तासीर ठंडी रहती है और इसे ठंड की शुरुआत में खाना नुकसानदायक साबित होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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