डीएनए हिंदीः करवा चौथ की पूजा बहुत अहम होती है और सूर्योदय के साथ शुरू होकर चंद्रोदय तक रहती है. सुहागिने इस दिन निर्जला व्रत रखकर शाम को समूह में पूजा करती हैं और रात में चांद को अर्घ्य देकर पति की पूजा करती हैं.
करवा चौथ की पूजा में 7 जरूरी चीजों का बहुत जरूरी मानी गई और इनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है तो चलिए जाने ये सात चीजें क्या हैं.
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सींकः मां करवा की शक्ति का प्रतीक सींक होता है और पूजा और कथा के समय सींक को जरूर शामिल करें. ये सींक मां करवा की उस शक्ति का प्रतीक हैं, जिसके बल पर देवी ने यमराज के सहयोगी भगवान चित्रगुप्त के खाते के पन्नों को उड़ा दिया था.
करवा: माता का नाम करवा था और करवा उस नदी का प्रतीक है, जिसमें मां करवा के पति का पैर मगरमच्छ ने पकड़ लिया था.इसलिए पूजा में करवा रखना जरूरी है.
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करवा माता की तस्वीर: करवा माता की तस्वीर पूजा में शामिल करना न भूलें. चंद्रमा और सूरज की उपस्थिति मां की तस्वीर के साथ उनके महत्व को बताती है.
दीपक: चांद को अर्घ्य देने के बाद उनकी आरती उतारी जाती है और उसी आरती के दीपक से पति की आरती होती है. इसलिए पूजा में दीपक को रखना न भूलें. पूजा तभी पूरी मानी जाती है जब आरती होती है.
छलनीः व्रत की पूजा के बाद महिलाएं छलनी से अपने पति का चेहरा देखती हैं और उससे पहले चांद को भी छलनी से देखा जाता है. इसलिए पूजा में इसे जरूर रखें.
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लोटाः चंद्रदेव को अर्घ्य देने के लिए जरूरी होता है लोटा. पूजा के दौरान लोटे में जल भरकर रखते हैं. यह जल चंद्रमा को हमारे भाव समर्पित करने का एक माध्यम है. वैसे भी हर पूजा में कलश को गणेशजी के रूप में स्थापित किया जाता है.
थालीः पूजा की सामग्री, दीये, फल और जल से भरा लोटा रखने के लिए जरूरी होती है एक थाली की. इसी में दीपक रखकर मां करवा की आरती उतारते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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