Karwa Chauth 2023: कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं करवा चौथ का व्रत, जानें क्या है मान्यता और इसकी विधि 

Written By नितिन शर्मा | Updated: Oct 26, 2023, 09:55 AM IST

यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास माना जाता है. महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए​ निर्जला व्रत रखती हैं. करवा चौथ की कथा सुनती है. दिन भर के उपवास के बाद शाम के समय चंद्रमा देखकर ही पति के हाथों इस व्रत का पारण करती हैं.

डीएनए हिंदी: हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस साल यह तिथि 1 नवंबर 2023 को है. ऐसे में सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत रखेंगी. यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास माना जाता है. महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए​ निर्जला व्रत रखती हैं. करवा चौथ की कथा सुनती है. दिन भर के उपवास के बाद शाम के समय चंद्रमा देखकर ही पति के हाथों इस व्रत का पारण करती हैं. यह व्रत दांपत्य जीवन में खुशहाली और शांति के लिए भी रखा जाता है. यही वजह है कि शादीशुदा महिलाएं ही इस व्रत को रखती हैं. लेकिन समय के बदलाव के साथ ही कुछ जगहों पर कुंवारी लड़कियां भी शादी से पहले ही करवा चौथ का व्रत रखती हैं. वहीं कुछ रखना चाहती हैं, लेकिन उनके मन में सवाल रहता है कि क्या कुंवारी लड़कियां करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं. यह बात बहुत से लोग जानना चाहते हैं.

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कुंवारी लड़कियां भी रख सकती है व्रत

ज्योतिषाचार्य की मानें तो करवा चौथ का व्रत वैसे तो सुहागिन महिलाओं के लिए होता है. यह पति की लंबी आयु और दांपत्य जीवन में सुख शांति के लिए रखा जाता है. अब बात कुंवारी लड़कियों की है तो वह भी इस व्रत को रख सकती है. अविवाहित लड़कियां अपने प्रेमी या फिर मंगेतर, प्रेमी जिस को भी अपना जीवन साथी मान चुकी हैं. उसके लिए करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं. माना जाता है कि इसे करवा माता का आशीर्वाद मिलता है. वहीं कुंवारी लड़कियों के लिए करवा चौथ का व्रत और पूजन की विधि  व नियम अलग होते हैं. ऐसे में अगर आप कुंवारी होकर भी करवा चौथ का ​व्रत रखना चाहती हैं तो इसके नियम और पूजा अलग से हैं. 

अविवाहित लड़कियां व्रत में रखें ध्यान

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, अविवाहित लड़कियों को वैसे तो यह व्रत शादी के बाद ही करना चाहिए, लेकिन वह शादी से पहले ही रखना चाहती है तो इस दिन निर्जला व्रत रखने की जगह फलहार व्रत रख सकती हैं. इन्हें निर्जला व्रत करने की कोई जरूरत नहीं है. इसकी वजह उन्हें सरगी का नहीं मिल पाना भी है. 

सिर्फ करवा चौथ की कथा सुने

वैसे तो करवा चौथ में शिव परिवार की पूजा की जाती है. इस दिन चंद्रमा का पूजन किया जाता है. साथ ही भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेया की पूजा करनी चाहिए. लेकिन कुंवारी कन्या सिर्फ मां करवा की कथा सुनकर ही व्रत रख सकती हैं. साथ ही चंद्रमा की जगह तारों को जल देकर अपने व्रत का पारण कर सकती हैं. उन्हें चंद्रमा को व्रत नहीं देना चाहिए. यह सिर्फ सुहागिन महिलाएं ही दे सकती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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