अगर आप केदारनाथ के दर्शन करना चाहते हैं तो अब और देर न करें. इसकी वजह जल्द ही केदरानाथ मंदिर के कपाट बंद होना है. चार धामों में से एक केदारनाथ के कपाट बंद होने की तारीखों का ऐलान हो गया है. इस साल दिवाली के बाद 3 नवंबर को भाई दूज के दिन सुबह साढ़े आठ बजे केदारनाथ के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इसका ऐलान कर दिया है. मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की चल-विग्रह डोली अपनी शीतकालीन गद्दीस्थल की तरफ प्रस्थान करेगी. इसके बाद अगले साल केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले जाएंगे. वहीं इस बार मंदिर के कपाट 10 मई 2024 को खोले गये थे.
5 नवंबर को गद्दी स्थल पर किया जाएगा विराजित
3 नवंबर को सुबह केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान की चल विग्रह डोली को श्रद्धालु कंधे पर उठाकर चलेंगे. इसके बाद रामपुर में रात्रि विश्राम किया जाएगा. 4 नवंबर को डोली रामपुर के फाटा और नारायण कोटी होते हुए गुप्तकाशी पहुंचेगी. यहां रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन 5 नवंबर की सुबह श्रद्धालु चल विग्रह डोली को लेकर शीतकाली गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेंगे. यहां डोली को परंपरांगत उपासना के साथ गद्दी स्थल पर विराजित कर दिया जाएगा.
वर्षों से चली आ रही है यही परंपरा
केदारनाथ के कपाट खुलने से लेकर इन दिनों में बंद होने की परंपरा सालों से चली आ रही है. इसमें केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद बाबा उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मठ मंदिर के लिए रवाना हो जाते हैं. यहां बाबा का रात्रि विश्राम से लेकर सुबह तक निकलने का समय सबकुछ तय है. बाबा की डोली को उखीमठ के युवा भक्त कंधों पर लिए पैदल ही चलते हैं. इसबीच यहां का नजारा समारोह जैसा होता है. इसमें बैंड ढोल नगाड़े बजाये जाते हैं. बाबा की जयजयकार के नारों के साथ बाबा की डोली नीचे पहुंचती है.
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