Khatu Shyam Aarti: बाबा खाटू श्याम के जन्मदिन पर पूजा अर्चना के साथ पढ़ें आरती और पाठ, सभी कष्टों से मिल जाएगी मुक्ति

Written By नितिन शर्मा | Updated: Nov 12, 2024, 10:56 AM IST

बाबा खाटू श्याम का आज जन्मदिन है. इस अवसर पर भगवान की पूजा अर्चना और आरती करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. बाबा खाटू श्याम अपने भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करते हैं.

Baba Khatu Shyam Aarti: कलयुग के देवता और हारे के सहारा बाबा खाटू श्याम जी का 12 नवंबर 2024 को जन्म दिन है. बाबा श्याम के जन्मदिन पर राजस्थान के सीकर में बड़ा मेला लगता है. यहां दुनियाभर से बाबा के भक्त पहुंचते हैं. यहां कलयुग के देवता खाटू श्याम की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना की जाती है. भगवान 56 प्रकार के भोग लगाएं जाते हैं. इस खाटू श्याम को खुद महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने अपने नाम पहचाने जाने का नाम दिया था. यहां श्याम जी को श्रीकृष्ण का ही रूप माना जाता है. हारे का सहारे बाबा खाटू श्यमा भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं. 

इस दिन खाटू श्याम जी का भजन कि​र्तन के साथ ही उनकी पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं. भगवान की पूजा अर्चना में भोग प्रसाद के साथ उनकी आरती की जाती है. इसी के बाद खाटू श्याम जी की पूजा को संपूर्ण माना जाता है. हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. आइए जानते हैं बाबा श्याम जी की आरती और कथा...

ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे.
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे..
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे.

रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे.
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े..
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे.

गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे.
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले..
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे.

मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे.
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे..
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे.

झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे.
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे..
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे.

जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे.
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे..
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे.

श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे.
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे..
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे.

जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे.
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे..
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे.

ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे.
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे..
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे.
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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