डीएनए हिंदीः खाटू श्याम जी के फागुन यानी लक्खी मेला आज यानी 22 फरवरी से लगने जा रहा है. लक्खी मेला हर वर्ष फाल्गुन मास में तिथि के आधार पर अष्टमी से बारस की तिथि तक पांच दिनों के लिये आयोजित किया जाता है. भक्त बड़ी संख्या में इस वार्षिक मेले में फाल्गुन माह के दशमी और द्वादशी को एकत्रित होते हैं. खाटू श्यामजी मेला तीन दिनों तक चलता है लेकिन भक्तों की भीड़ को देखते हुए इस मेले का आयोजन 3 दिन से ज्यादा प्रशासन हर बार कर देता है.
खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में खाटू नामक जगह पर स्थित है, इसीलिए इसे खाटू श्याम कहा जाता है. इस मंदिर की विशेष बात यह है कि यहां देवता के केवल सिर की पूजा होती है. यहां की मूर्ति का धड़ नहीं है. ये धड़विहीन मूर्ति बाबा श्याम की है, जिनकी कहानी महाभारत और स्कन्धपुराण से सम्बंधित है. देश-विदेश से आये हुये सभी श्रद्धालु बाबा खाटूश्याम जी का श्रद्धापूर्ण दर्शन करते हैं और दर्शन करने के पश्चात् भजन एवं कीर्तन का भी आनन्द लेते हैं.
खाटू श्याम का मेला कब लगेगा – Khatu Shyam Ka Mela Kab Lagega
खाटू श्याम जी का फाल्गुनी लक्खी मेला 22 फरवरी 2023 से शुरू हो रहा है और 4 मार्च 2023 तक चलेगा. खाटू श्याम जी कई बार 9 से 10 दिनों तक भी चलता है और इसक निर्णय प्रशासन करता है. बाबा शयाम का लक्खी मेला प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास में ही लगता है.
भक्तों के लिए मंदिर का हुआ विस्तार
खाटू श्याम जी के मंदिर परिसर को साल 2023 में भव्य मंदिर का रूप दिया गया है.पहले की तुलना में मंदिर को बड़ा किया गया है. जिससे की श्याम भक्तो को बाबा के दर्शन करने में कोई भी दिक्कत न आए. अब मंदिर में ज़िकजैक की व्यवस्था को बदल कर 16 सीधी लाइन बनाई जा रही हैं, ताकि भक्तो को दर्शन करने में कोई भी परेशानी ना हो. मंदिर तक पहुंचने के लिए भी छोटे रास्तो को चौड़ा करके 40 फिट किया जा रहा है. पहले रास्ता सकड़ा होने के कारण बहुत परेशानियो का सामना करना पड़ता था.
खाटूश्यामजी मेला 2023 की व्यवस्थाएं
- मुख्य मेला मैदान 75 फुट की चौदह लाइनों से गुजरते हुए बाबा के दरबार में पहुंचेंगे.
- इसके बाद मंदिर के अंदर भी लाइनों में नई 16 कतारें बनाई गई हैं.
- हर भक्त को बाबा के दर्शन करने के लिए 4 मिनट मिलेंगे.
- बाबा श्याम का प्रवेश द्वार 1.75 फीट का होगा.
- मेला परिसर में ई-रिक्शा और पार्किंग की सुविधा
- रींगस-खाटू पदयात्रा मार्ग होगा 5 मीटर चौड़ा
खाटू श्याम जी लक्खी मेला कितने दिन भरता है
श्री श्याम मंदिर ट्रस्ट के मंत्री श्याम सिंह के अनुसार हर साल खाटू में फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से द्वादशी तक लक्खी मेला भरता है, जिसमें लाखों श्याम भक्त पहुंचने वाले हैं. इनमें से बड़ी संख्या में धुलंडी तक यहां रुकेंगे और बाबा श्याम के साथ फूलों की होली खेलकर लौटेंगे.
खाटू श्याम जी का जन्म कब हुआ – Khatu Shyam Ji Ka Janm Kab Hua
खाटू श्याम मेला 2023 – खाटूश्याम जी का जन्म कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन हुआ था.इस एकादशी को देवउठनी एकादशी भी खा जाता है.साल 2023 में देवउठनी एकादशी 22 नवम्बर को मनाई जाएगी.हमारे हिन्दू धर्म में इसी दिन सभी शुभ कार्य प्रारम्भ हो जाते है.
कौन है बाबा श्याम – Kon Hai Baba Shyam
खाटू श्याम मेला 2023- बाबा खाटू श्याम जी का असली नाम बर्बरीक है.बाबा खाटू श्याम बाबा घटोत्कच और नागकन्या मौरवी के पुत्र हैं.पांचों पांडवों में सर्वाधिक शक्तिशाली भीम और उनकी पत्नी हिडिम्बा बर्बरीक (बाबा श्याम) के दादा दादी थे।
कहा जाता है कि जन्म के समय बर्बरीक (बाबा श्याम) के बाल बब्बर शेर के समान थे, तभी उनका नाम बर्बरीक रखा गया.महाभारत की एक कहानी के अनुसार बर्बरीक का सिर राजस्थान प्रदेश सीकर जिले के खाटू नगर में दफना दिया गया था.इसीलिए बर्बरीक जी का नाम बाबा खाटू श्याम के नाम से जगत में विख्यात हुआ.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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