Islam में रसूल और नबी किसे कहा जाता है? क्या कहती हैं Quran की आयतें 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 29, 2022, 05:53 PM IST

Islam के अनुसार अल्लाह के केवल कुछ ही मैसेंजर रसूल और नबी दोनों हैं. गौरतलब है कि इन दोनों ही महत्वपूर्ण पदों को अलग-अलग ज़िम्मेदारियां दी गई हैं.

डीएनए हिंदी : उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल(Udaipur Murder Case) की हत्या इस ख़ातिर कर दी गई कि उन्होंने नुपूर शर्मा द्वारा की गई रसूल निंदा का समर्थन किया था. रसूल शब्द कई लोगों के लिए अपरिचित होगा. कुरआन रसूल शब्द को बेहद सम्मान के साथ बरतता है. इसके साथ ही दूसरा महत्वपूर्ण शब्द नबी है. रसूल  का शाब्दिक अर्थ अल्लाह का संदेशवाहक अथवा मैसेंजर ऑफ़ गॉड होता है. इस्लाम में यह पैगम्बर मोहम्मद साहब को कहा जाता है. नबी शब्द का इस्तेमाल भी अल्लाह के मैसेंजर के लिए होता है. रसूल के साथ नबी शब्द का भी बेहद सम्मान होता है. 

क्या फ़र्क़ है रसूल और नबी में 
इस्लाम के अनुसार अल्लाह के केवल कुछ ही मैसेंजर रसूल और नबी दोनों हैं. गौरतलब है कि इन दोनों ही महत्वपूर्ण पदों को अलग-अलग ज़िम्मेदारियां दी गई हैं. रसूल उन्हें कहा गया जिन्होंने नई शरियत दी या अल्लाह के संदेशों/नियमों को शब्द दिया. माना जाता है कि रसूल (Rasul in Islam)को अल्लाह के संदेश स्वप्न में सीधे अल्लाह से प्राप्त हुए अथवा जागी हुई अवस्था में देवदूतों से बात करते हुए मिले.   
कुरान के अनुसार नबी रसूल तब बनते हैं जब उन्हें यह पद मिलता है. इस्लामिक धर्म ग्रन्थ के अनुसार धर्म में कुल 5 रसूल हुए हैं जिन्हें उलूल अज़्म कहा जाता है.  

Kabir Jayanti 2022: कबीर दास के इन अनमोल दोहों में छिपे हैं जीवन के कई रहस्य

ये हैं इस्लाम के 5 रसूल 
इस्लाम के 5 सर्वाधिक आदरणीय जनों में शामिल हज़रत नूह, हज़रत इब्राहिम, हज़रत मूसा,  हज़रत ईसा और पैगम्बर मोहम्मद साहब(Prophet Muhammad Sahab) शामिल हैं. इन सभी रसूलों ने अल्लाह से शरिया हासिल किया था. कुरान के मुताबिक़ मोहम्मद साहब ने शरिया का सबसे उन्नत और सबसे शुद्ध स्वरुप हासिल किया था जिसका क़यामत तक पालन किया जाएगा. 

गौरतलब है कि पिछले दिनों भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा(Nupur Sharma) ने पिछले दिनों पैगम्बर मोहम्मद साहब पर एक बेहद विवादित बयान दिया था जिससे मुस्लिम समाज आहत हो गया था और देश भर से हिंसा की ख़बरें आई थीं. इस मामले में एक नया मोड़ तब और आ गया जब उदयपुर में नूपुर शर्मा के पक्ष में टिप्पणी करने की  वजह से टेलर कन्हैया लाल की जान ले ली गई. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.