Gemstone Wearing Rules: रत्न धारण करने से पहले जरूर जान लें इसके नियम, छोटी सी गलती भी बर्बाद कर सकती है जीवन

नितिन शर्मा | Updated:Apr 08, 2023, 06:01 PM IST

नवग्रहों जुड़े दोषों को शांत करने और मनदायक फल पाने के लिए रत्नों का धारण करना फलदायक बताया गया है, लेकिन इसको धारण करने से पहले इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. अन्यथ यह लाभ की जगह नुकसानदायक बना सकता है.

डीएनए हिंदी: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल से लेकर उनके अच्छे और बुरे प्रभावों को कम करने के लिए कई रत्नों को धारण करने के बारें में बताया गया है. ऐसे में कई लोग जीवन में पैसा सुख और यश की चाह में कोई चमकता रत्न धारण कर लेते हैं. ऐसा करना आपके जीवन में बर्बादी का कारण बन सकता है. यह शुभ की जगह अशुभ संकेत देने लगता है. इतना ही नहीं रत्न धारण करने के कई नियम होते हैं. इन नियमों को बिना जानें रत्न धारण करना दुख कारकर बन जाता है. यही वजह रत्न धारण करने से पहले अच्छे ज्योतिषी से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है. रत्न को किस धातु के साथ, समय और कैसे धारण करन चाहिए. इसे विस्तार से जानते हैं.

बिना ज्योतिष की सलाह न पहने रत्न

-ज्योतिष के अनुसार, किसी भी रत्न को अपने मन से न पहनें. इसे धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिष से सलाह जरूर लें. इसकी वजह एक ही रत्न हर किसी के लिए अनुकूल नहीं होता है. यह रत्न अलग अलग लोगों के जीवन में अलग प्रभाव डालता है. सही रत्न धारण नहीं करने पर आपको इसके नुकसान भी देखने पड़ सकते हैं. 

-ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों से जुड़े तमाम तरह के रत्नों के अलग अलग प्रभाव होते हैं. इनमें नवग्रह से जुड़े कई रत्नों की एक दूसरे के साथ शत्रुता और मित्रता होती है. ऐसे में किसी भी रत्न को पहनने से पहले इस बात का ख्याल रखें. 

-मनोकामना के अनुसार भी रत्न पहनने का लाभ बताया गया है. ज्योतिष के मुताबिक संतान के लिए पंचमेश रत्न, शादी के लिए सप्तमेश रत्न और भाग्योदय के लिए भाग्येश ग्रह का रत्न लाभदायक है. वहीं व्यापार में बढ़ोरती के अलग रत्न धारण करना बताया गया है. 

-किसी भी रत्न को पहनने का एक शुभ समय, दिन और तिथि होती है. उसी में इसे खरीद कर घर लाया जाता है. बिना मुहूर्त या अशुभ घड़ी पर रत्न को घर लाने या धारण करने से इसका विपरित असर पड़ता है. यह लाभ की जगह हानि करने लगता है. 

-ज्योतिष के अनुसार, रत्नों को अंगूठी में जड़वाने से पहले उसे बिस्तर पर तकिये के नीचे, बाजु में बांध कर या गले में डालकर देखने चाहिए. अगर शुभ फल प्रदान करता है तो इसे अंगूठी में  जुडवाकर पहनना अच्छा रहता है. हालांकि इसे पहले शुभ घड़ी, दिन, तिथि का ध्यान जरूर रखें. 

-रत्न को खरीदते समय भी सावधानी और ध्यान देने की जरूरत है. इसकी वजह कई बार असली की जगह उसी तरह नकली रत्न दे दिया जाता है. रत्न चटका या फिर दागदार हो सकता है. ऐसी स्थिति में रत्न को भूलकर भी न लें. यह चटकने या दाग के बाद खंडित हो जाता है. ऐसी स्थिति में इसे धारण करने का लाभ नहीं मिलता. 

-कभी भी किसी का धारण किया हुआ रत्न नहीं पहनना चाहिए. यह ज्योतिष में दोष माना जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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