Shani Shingnapur Mandir: रहस्यों से भरा है शनि शिंगणापुर मंदिर, दर्शन मात्र से शनि दोषों से मिलती है मुक्ति

Written By Aman Maheshwari | Updated: May 19, 2023, 06:56 AM IST

Shani Shingnapur Mandir

Shani Shingnapur Mandir: कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में हो तो उसे नौकरी, रोजगार और वाहन का सुख प्राप्त होता है. वहीं शनि की कूदृष्टि से जातक का जीवन बर्बाद हो जाता है.

डीएनए हिंदीः शनि देव (Shani Jayanti 2023) को कर्म फल दाता माना जाता है. शनि देव (Shani Jayanti 2023) की कर्मों का न्याय करते हैं. बुरे कर्म करने वाले जातकों को बुरे फल देते हैं. शनि (Shani Jayanti 2023) की कृपा से जहां जातक को जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है वहीं शनि की कूदृष्टि से जातक का जीवन बर्बाद हो जाता है. ऐसे में लोग शनि की कूदृष्टि से बचने के लिए कई उपाय करते हैं. शनि देव के कई मंदिर (Shani Shingnapur Mandir) है जहां लोग उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजा करते हैं. शनिवार के दिन इन मंदिरोंं के बाहर लाइन लगी होती है.

कुंडली में शनि (Shani Dev) मजबूत स्थिति में हो तो उसे नौकरी, रोजगार और वाहन का सुख प्राप्त होता है. भारत में शनि देव (Shani Dev) के कई मंदिर है जहां लोग उन्हें प्रसन्न करने के लिए दर्शन करने जाते हैं लेकिन इन सभी में शनि शिंगणापुर मंदिर (Shani Shingnapur Mandir) इन सभी में से खास है. शनि देव (Shani Dev) का यह मंदिर कई रहस्य के कारण खास है. आज ज्येष्ठ अमावस्या तिथि यानी 19 मई 2023 को शनि जयंती मनाई जा रही है. आज हम आपको शनि देव (Shani Dev) के इस शनि शिंगणापुर मंदिर (Shani Shingnapur Mandir) के बारे में बताते हैं.

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शनि शिंगणापुर मंदिर (Shani Shingnapur Mandir)
शनि देव का यह शनि शिंगणापुर मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है. यह शनि मंदिर शनि देव का जन्मस्थान माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन मात्र से ही सारे शनि दोषों से मुक्ति मिल जाती है. यह शनि मंदिर सजीव माना जाता है. यहां पर शनि देव की काले रंग के रूप में प्रतिमा है जिसे स्वयंभू माना जाता है. इस मंदिर में छत्त भी नहीं है शनिदेव की प्रतिमा खुले आसमान के नीचे है.

क्यों शनि की प्रतिमा के ऊपर नहीं है छत
एक धार्मिक कथा के अनुसार, शिंगणापुर गांव में बाढ़ आई थी जिसके कारण सब कुछ डूब गया था. एक चरवाहे को पानी में एक विचित्र पत्थर बहता हुआ नजर आया. उसने पानी कम होने पर इस पत्थर को तोड़ने की कोशिश की जिसके बाद पत्थर में से खून आने लगा. ऐसे में जब वह डर गया. रात को सपने में शनि देव उस चरवाहे के स्वप्न में आए और उन्होंने पत्थर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कहा. शनि देव ने ही उस चरवाहे को कहा था कि मंदिर में छत की आवश्यकता नहीं है पुरा आकाश ही मेरी छत है.

नहीं होती है यहां चोरी
शनि शिंगणापुर मंदिर में कोई भी पुजारी नहीं है. यहां वृक्ष है लेकिन उनकी छाया नहीं है. यहां पर गांव में कभी भी चोरी नहीं होती है. सभी घरों के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं. यहां अगर कोई चोरी कर ले तो वह गांव के बाहर नहीं जा पाता है. उसे शनि का प्रकोप झेलना पड़ता है. यहां पर लोग कीमती सामान खुले में रखते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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