Mythology: कभी सफेद होते थे कौवे, जानें किस गलती से वे हो गए काले

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 30, 2021, 06:10 PM IST

एक पौराणिक कथा के अनुसार, कौवा सफेद रंग का ही पैदा हुआ था.

डीएनए हिंदी: दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी है. इनमें से कुछ को इंसानों ने सुलझा लिया है वहीं कई आज तक पहेली बने हुए हैं. कई बातें ऐसी भी हैं जिनपर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन पौराणिक कथाओं में उनका जिक्र है. ऐसी ही एक बात कौवे को लेकर कही जाती है. कहा जाता है कि कौवा जन्म से काला नहीं था उसे एक गलती की वजह ये रंग मिला.

एक पौराणिक कथा के अनुसार, कौवा सफेद रंग का ही पैदा हुआ था. एक बार एक ऋषि ने सफेद कौवे को अमृत ढूंढकर लाने के लिए भेजा. इसके साथ ही ऋषि ने उसे चेतावनी दी कि वो अमृत मिलते ही सीधा उनके पास आए और गलती से भी अमृतपान ना करे. 

ये भी पढ़ें- West Bengal: UNESCO ने Durga Puja को दिया सांस्कृतिक विरासत का दर्जा, PM Modi बोले- 'गर्व का पल'

ऋषि के आदेश अनुसार, कौवा कई सालों तक अमृत खोजता रहा और एक दिन आखिरकार उसे अमृत मिल ही गया. हालांकि इस दौरान वो ऋषि द्वारा दी गई चेतावनी को भूल गया और अमृत चखने से खुद को रोक ना सका. उसने अमृत चख लिया और बाकी बचा हुआ अमृत लेकर ऋषि के पास पहुंचा गया.

वहां पहुंचते ही कौवे ने बिना झूठ बोले ऋषि को सारी बातें बता दी लेकिन उसकी बात सुनकर ऋषि क्रोधित हो उठे और अमृत के अशुद्ध होने की बात कहते हुए उसे श्राप दे दिया. उन्‍होंने कौवे पर काले कमंडल का पानी छिड़कते हुए कहा कि अब से लोग कौवे से घृणा करेंगे और उसे अशुभ मानेंगे. 

ये भी पढ़ें- Kharmas 2021: ये 5 काम इस महीने में जरूर करें, ताकि बरसे आप पर ईश्वर की कृपा

पितृ पक्ष के 15 दिनों को छोड़ दें तो साल के बाकी समय में कौए को आमतौर पर अशुभ ही माना जाता है. कहा जाता है कि कमंडल का पानी पड़ते ही कौवा काला पड़ गया और तब से ही लोग उसे अशुभ समझने लगे.

सफेद रंग के पैदा हुआ करते थे कौवे काले रंग का नहीं होता था कौवा पितृ पक्ष