डीएनए हिंदी: अक्सर पूजा पाठ से लेकर पैसों के लेन देने या किसी भी शुभ कार्यों में बुजुर्गों ने आपको दाहिना हाथ इस्तेमाल करने की सलाह दी होगी. खाना खाने से लेकर दान करने तक में इसी हाथ का इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है. ज्यादातर लोग इसकी वजह जानना चाहते हैं. आइए ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार रही हैं. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, दाहिने हाथ के इस्तेमाल करने की वजह हिंदू धर्म के साथ ही विज्ञान से जुड़ी हुई. धर्म के अनुसार दाहिने हाथ में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. इसके साथ ही बायें हाथ को चंद्र नाड़ी का प्रतीक माना जाता है. आइए जानते हैं इसमें फर्क और वजह
चंद्र नाड़ी का प्रतीक होता है बायां हाथ
हिंदू धर्म के अनुसार, सीधे हाथ को सूर्य नाड़ी का प्रतिनिधित्व माना गया है. इसमें उल्टे यानी बाये हाथ के मुकाबले ज्यादा ताकत होती है. साथ ही सकारात्मक ऊर्जा होती है. सीधे हाथ में ताकत भी ज्यादा होती है. यही वजह है कि जहां भी मुश्किल, शुभ और ऊर्जा से जुड़ा काम होता है. वहां पर दाहिना हाथ ही इस्तेमाल किया जाता है. वहीं बायां हाथ चंद्र नाड़ी का प्रतिक माना गया है. इस हाथ में ऊर्जा कम होती है.
बायें हाथ से मेहनत का काम नहीं करते लोग
स्वास्थ्य से लेकर बायें हाथ के इस्तेमाल की बात करें तो मेहनत के कामों को बायें हाथ का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया है. इसकी एक वजह बायें तरफ दिल का होना भी है. ऐसे में दिल पर ज्यादा जोर न पड़े. इसके लिए बायें हाथ से ज्यादा मेहनत नहीं लगाई जाती है. हिंदू धर्म में सीधे हाथ से खाने या फिर पूजा करने पर जोर देने की वजह इसका सूर्य नाड़ी का प्रतिनिधित्व करना है.
सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ही होते हैं लेफ्टी
वैज्ञानिकों की मानें तो दुनिया में सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ही अपने दाहिने की जगह ताकत के कामों को करने के लिए बायें हाथ का इस्तेमाल करते हैं. इन लोगों को हर काम के लिए बायां हाथ पहले चलता है. वह लिखने से लेकर खाना खाने तक के लिए इसी हाथ का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि पुराने समय में इन लोगों को अपशगुनी तक माना जाता था. वहीं कुछ लोगों को दावा है कि उल्टे हाथ से काम करने वाले लोगों का सक्षम होने स्तर काफी कम होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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