Krishna Janmashtami 2023: कब मनाई जाएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? यहां देखें सटीक तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त

Aman Maheshwari | Updated:Jul 21, 2023, 01:17 PM IST

Krishna Janmashtami 2023

Krishna Janmashtami 2023: भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी को रात बारह बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. जन्माष्मटी पर रात को 12 बजे व्रत का पारण किया जाता है.

डीएनए हिंदीः पंचांग के भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2023) के रूप में मनाया जाता है. भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इसे कृष्ण जन्मोत्सव (Krishna Janmashtami 2023) के रूप में पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. उत्तर भारत विशेषकर मथुरा-वृंदावन और वृज में जन्माष्टमी (Janmashtami 2023) बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है. भगवान श्रीकृष्ण काअष्टमी तिथि को रात बारह बजे जन्म हुआ था. इस दिन लोग व्रत (Krishna Janmashtami Vrat 2023) रखते हैं और रात को 12 बजे व्रत का पारण करते हैं. कृष्ण जन्माष्मटी को भगवान श्रीकृष्ण को लोग माखन मिश्रि का भोग लगाया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग भी लगाया जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2023 Date) का विशेष महत्व होता है तो चलिए जानते हैं कि इस साल 2023 में कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी.

कृष्ण जन्माष्मटी 2023 डेट (Krishna Janmashtami 2023 Date)
भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष अष्टमी की शुरुआत 6 सितंबर 2023 को दोपहर 3 बजकर 37 मिनट पर हो रही है. इस तिथि का समापन अगले दिन 7 सितंबर 2023 को शाम 4 बजकर 14 मिनट पर होगा. श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे हुआ था. ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को मनाई जाएगी.

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कृष्ण जन्माष्मटी 2023 पूजा मुहूर्त (Krishna Janmashtami 2023 Puja Muhurat)
6 सितंबर को कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त रात को 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत 9 बजकर 20 मिनट से हो रही है. जो अगले दिन 7 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगा.

कृष्ण जन्माष्मटी पूजा विधि (Krishna Janmashtami Puja Vidhi)
- जन्माष्मटी पर सुबह स्नान करने के बाद व्रत करने का संकल्प लें. 
- घर के मंदिर में श्रीकृष्ण के समक्ष घी का दीपक जलाएं और भगवान की पूजा करें.
- लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें और उन्हें माखन मिश्रि का भोग लगाएं.
- कृष्ण जी का जन्म रात को हुआ था. इस दिन रात की पूजा का विशेष महत्व होता है.
- रात के लिए बाल गोपाल के लिए झूला सजाएं और भगवान श्रीकृष्ण का पंचामृत से अभिषेक करें.
- भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी, मोर मुकुट, वैजयंती माला कुंडल, पाजेब, तुलसी दल से सजाएं.
- विधि-विधान से पूजा करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण की आरती करें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

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