Krishna Janmashtami 2022: जन्माष्टमी के दिन याद आती हैं कृष्ण की बाल लीलाएं, किए थे बड़े-बड़े काम

Written By सुमन अग्रवाल | Updated: Aug 18, 2022, 09:09 AM IST

Krishna Janmashtami Krishna Leela: जन्माष्टमी में Krishna की बाल लीलाएं बहुत याद आती हैं. कैसे उन्होंने कालिया नाग पर डांस किया, कैसे पूतना का वध और फिर गोवर्धन पर्वत. आईए आज उनकी लीलाओं को सुनते हैं और उनकी यादों में खो जाते हैं

डीएनए हिंदी: Krishna Janmashtami 2022 के दिन कान्हा की बचपन की शरारतें और उसकी बाल लीलाएं (Krishna Leela) बहुत याद आने लगती हैं. पूरा देश धूमधाम से जन्माष्टमी (Janmashtami Celebration) मनाने की तैयारियों में जुटा है. कई जगहों पर आज और कई जगहों पर कल यानी 19 अगस्त को ही जन्माष्टमी (Janmashtami Kab Hai) मनाई जा रही है. बच्चे हो या बूढ़े, माता हो या कुंवारी हर किसी के दिल में कान्हा के लिए अलग ही भाव है,कोई उनकी बाल लीलाओं (Baal Gopal Leela) को याद करते हैं, तो कोई सखियों के साथ उनके रास को,कोई यशोदा माता (Yashoda Mata) के साथ उनके प्रेम को. उनकी कुल 10 लीलाएं ऐसी हैं जिसने सबको मोह लिया था, चलिए आज हम आपको उनकी 4 ऐसी लीलाओं की कहानी बताते हैं जो आज भी कोई भूल नहीं पाया है. 

कारागार की लीला (Kaaragar ki leela in Hindi)

कंस (Kans) के कारागार में देवकी माता (Devaki Mata) के गर्भ से श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,वसुदेव (Vasudev) और देवकी के 7 पुत्रों को कंस पहले ही मार चुका था.कहा जाता है कि कंस का वध करने के लिए ही भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के रूप में अवतार लिया था और यह आकाशवाणी भी हुई थी. श्रीकृष्ण का जन्म होते ही कंस के कारागार के सारे दरवाजे अपने आप ही खुल गए थे. सभी सुरक्षा कर्मी गहरी नींद में सो गए थे और वसुदेव बड़ी ही आसानी से कान्हा को लेकर नंदबाबा के पास चले गए थे.कहते हैं कि यह कान्हा की ही लीला थी.

यह भी पढ़ें- कान्हा और उनकी बांसुरी का रहस्य, कैसे यशोदा से लेकर राधा खींचकर चली आती थी

कालिया नाग वाली लीला (Kaliya Naag Kahani In Hindi)

श्रीकृष्ण की बाल लीला की कथाओं में कालिया नाग का जिक्र मिलता है.कहते हैं कि कंस ने श्रीकृष्ण को मारने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए थे.कालिया नाग ने यमुना की पानी में अपना डेरा जमा लिया.कहते हैं कि कालिया नाग के जहर से यमुना का पानी काला पड़ गया. जिस कारण पशु-पक्षी मरने लगे.एक बार नदी किनारे खेलते हुए कान्हा के द्वारा गेंद यमुना में चली गई.जिसे निकालने के लिए कान्हा नदी में कूद पड़े, उनके दोस्तों ने उन्हें खूब मना किया लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी. जिसके बाद कान्हा और कालिया नाग के बीच एक युद्ध हु्आ.आखिरकार कालिया नाग कान्हा के समक्ष नतमस्तक हो गया. 

यह भी पढ़ें- पंजीरी के बगैर अधूरी है जन्माष्टमी की पूजा, कृष्ण को लगाएं इतनी प्रकार की पंजीरी 

पूतना का वध (Putna ka Vadh in Hindi)

श्रीकृष्ण के जीवित होने की सूचना जब कंस को मिली तो उसने पूतना नामक राक्षसी को कान्हा जी का मारने के लिए भेज दिया.पूतना भेष बदलकर कान्हा जी को अपने वक्ष के विष रूपी दुग्धपान कराने लेगी लेकिन कान्हा जी पूतना के असली रूप को पहचान गए.जिसके बाद कान्हा ने पूतना का वध कर दिया. बाल गोपाल की ये लीलाएं देखकर सभी चौंक गए. 

यह भी पढ़ें- जन्माष्टमी के व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं, जानिए यहां

Krishna ने छोटे में ही गोवर्धन पर्वत एक ऊंगली में उठाकर सभी को हैरान कर दिया था, यह भी उनकी एक लीलाओं में से है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.