डीएनए हिंदी: जन्माष्टमी का त्योहार इस साल 6 सितंबर को मनाया जाएगा. कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारी जोर शोर से शुरू हो गई है. इस दिन घर में लड्डू गोपाल की प्रतिष्ठा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है. जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण के बालस्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है. उन्हें भोग प्रसाद लगाना चाहिए. लड्डू गोपाल जी की पूजा अर्चना करने के साथ उनके कपड़े बदले जाते हैं. इनकी पूजा के कुछ विशेष नियम होते हैं. इनका पालन करने पर भगवान श्री कृष्ण कृपा करते हैं. धन के भंडार भरते हैं.
दरअसल लड्डू गोपाल की जी पूजा और घर में उनकी देखभाल एक बच्चे स्वरूप की जाती है. लड्डू गोपाल जी को घर लाने पर वह बच्चे का रूप होते हैं. कहा जाता है कि घर के बाल गोपाल सदस्य के रूप में ही लड्डू गोपाल जी का ध्यान रखना चाहिए. उन्हें हर दिन स्नान कराना चाहिए. इसके बाद साफ सुथरे कपड़े पहनाने चाहिए. भाग को माखन मिश्री का भोग लगाना चाहिए. इसके साथ ही उन्हें चंदन का टीका लगाना चाहिए. घर में जो भी बना हो, सबसे पहले उसका भोग लड्डू गोपाल जी को ही लगाना चाहिए. उन्हें लहसुन प्याज का भोग भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए. इसे भगवान रुष्ट हो जाते हैं.
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दिन में दो बार की जाती है पूजा
लड्डू गोपाल जी को एक संतान की तरह रखा जाता है. सुबह उन्हें प्यार से उठाने के बाद स्नान कराना चाहिए. इसके बाद उनका तिलक सिंगार करके कपड़े पहनाएं और पूजा अर्चना करें. दोपहर जिस तरह आपको आराम करने की आदत होती है. उसी तरह लड्डू गोपाल जी को भी सुलाएं. शाम के समय उठने के बाद उन्हें घर में बनी हर चीज का भोग लगाएं. उनकी आरती और पूजा अर्चना करें.
घर में हर चीज भगवान को करें अर्पित
घर में किसी भी नए काम शुरुआत करने के साथ ही श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल जी का आशीर्वाद लें. काम धंधे होने वाली कमाई को स्नेह पूर्वक उनके चरणों में रखें. लड्डू गोपाल को बच्चे की तरह ही बाहर घुमाने लेकर जाएं. ऐसा करने से घर में सुख शांति आने के साथ ही कारोबार में तरक्की होती है. व्यक्ति के दिन धीरे धीरे कर बदी जाते हैं. हर काम में मन लगता है. अगर इस जन्माष्टमी आप लड्डू गोपाल जी को घर ला रहे हैं तो नियम जरूर जान लें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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