Krishna Pingala Sankashti Chaturthi 2022: इस दिन भगवान गणेश की पूजा से पार होंगे सारे दु:ख

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 16, 2022, 05:50 PM IST

सांकेतिक चित्र

Krishna Pingala Sankashti Chaturthi 2022 विशेष संयोग लेकर आया है. इसमें सर्वार्थ सिद्धि योग और अभिजीत योग की युगलबंदी होगी.

डीएनए हिंदी : हिंदू पंचांग में आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. यह कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, इस बार गणेश चतुर्थी का यह दिन विशेष संयोग लेकर आया है. इसमें सर्वार्थ सिद्धि योग और अभिजीत योग की युगलबंदी होगी. यह भगवान् गणेश की पूजा का विशेष लाभ देगा. इस दिन को हिंदू धर्म में ख़ास इसलिए भी माना जाता है कि ऐसे में भगवान गणेश की पूजा करने का विशेष लाभ मिलेगा.

गणेश जी को मिला था उनकी समझदारी का लाभ

मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने इसी दिन विनायक की होशियारी से प्रसन्न होकर उन्हें सर्वश्रेष्ठ देवता घोषित किया था. शास्त्रों के अनुसार इस ख़ास दिन में व्रत रखकर जोभी व्यक्ति गणेश पूजा करता है वह हर तरह की समस्या से मुक्त हो जाता है. 

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Krishna Pingala Sankashti चतुर्थी का शुभ मुहूर्त

कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें. उठकर एवं सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें. स्नान के बाद साफ़-सुथरे वस्त्र पहन कर श्री गणेश का मनन करते हुए व्रत करने का संकल्प लें. मन से विनायक की आराधना करें, इसकी शुरूआत जल अर्पित करने से करें. भगवान गणेश को फूल, माला, दूर्वा घास अवश्य अर्पित करें. सिन्दूर और अक्षत के साथ किसी मीठे का भोग ज़रूर लगाएं. पूजा अर्चना में अपनी ग़लतियों के लिए माफ़ी भी मांग लें.  यह व्रत पूरे दिन का होता है. शाम को चंद्रोदय के वक़्त दूध दही से बनी चीज़ों का अर्ध्य चंद्रदेव को लगाकर व्रत समाप्त करें. 

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