Kullu Dussehra 2023: इस दिन से शुरू होगा कुल्लू का अनोखा दशहरा मेला, जानें क्यों है इतना फेमस

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 18, 2023, 10:23 AM IST

इस दिन से शुरू होगा कुल्लू का अनोखा दशहरा मेला, जानें क्यों है इतना फेमस

Kullu Dussehra Live 2023: कुल्लू दशहरा हिमाचल की धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का प्रतीक माना जाता है. इस बार यहां दशहरा मेला 24 अक्टूबर से शुरू होगा और अगले 7 दिनों तक चलेगा.

डीएनए हिंदीः दशहरा उत्सव पूरे देश में धूम धाम से मनाया जाता है, यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान राम ने अहंकारी रावण का वध कर बुराई को खत्म किया था. इसलिए इस दिन   देश के अलग अलग हिस्सों में रावण का पुतला जला कर यह त्योहार मनाया जाता है. लेकिन, आज हम (Kullu Dussehra Live 2023) आपको देश के एक ऐसी जगह के बारे में बताने वाले हैं, जहां दशहरा बड़े ही अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. जी हां, यहां न तो रावण का पुतला जलाया जाता है और न ही कोई कहानी सुनाई जाती है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं कुल्लू दशहरा (Dussehra Mela) के बारे में. यहां का दशहरा वर्ल्ड फेमस है. कुल्लू दशहरा हिमाचल की धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का प्रतीक माना जाता है. आइए जानते हैं कैसे मनाया जाता है कुल्लू में दशहरा (Kullu Dussehra) और इससे जुड़ी कुछ रोचक बातें..

कुल्लू का दशहरा 

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू का दशहरा सबसे अलग और अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. यहां इस त्योहार को 'दशमी' कहा जाता है और आश्विन महीने की दसवीं तारीख को इसकी शुरुआत होती है. ऐसे में जब पूरे भारत में विजयदशमी की समाप्ति होती है तो उस दिन से कुल्लू की घाटी में इस उत्सव का रंग और भी अधिक बढ़ने लगता है. इस बार यहां दशहरा उत्सव 24 अक्टूबर से शुरू होगा, जो कि अगले 7 दिनों तक मनाया जाएगा. मान्यता है कि यहां दशहरे में देवताओं का मिलन होता है और उनके रथों को खींचते हुए ढोल-नगाड़ों की धुनों पर नाचते हुए लोग मेले में आते हैं. जब देशभर में दशहरे के दिन रावण दहन के साथ त्योहार पूरा हो जाता है, तब से कूल्लू दशहरा शुरू होता है और सात दिनों तक चलता है.

महिलाएं क्यों नहीं फोड़ती हैं नारियल, जानिए क्या है इसका त्रिदेव से कनेक्शन

बता दें कि भगवान रघुनाथ की भव्य रथयात्रा से दशहरा शुरू होता है और ऐसी मान्यता है कि इस दौरान सभी स्थानीय देवी-देवता ढोल-नगाड़ों की धुनों पर देव मिलन में आते हैं. दरअसल हिमाचल के लगभग हर गांव के अलग-अलग देवता होते हैं और लोग उन्हें कर्ता-धर्ता मानते हैं. इस दिन सभी देवताओं का मिलन होता है. 

कुल्लू दशहरा मेले का प्रमुख आकर्षण

कुल्लू में इस शानदार त्योहार को मनाने के लिए बाजार, मेले, प्रदर्शन, नृत्य और संगीत जैसे कई और आकर्षण शामिल हैं. और यह नवरात्रि के बाद सात दिनों तक चलता है और सबसे लोकप्रिय उत्सवों में से एक है. कुल्लू दशहरा का प्रमुख आकर्षण ललहड़ी नाटी, रथ और मुहल्ला है. बता दें कि ललहड़ी नाटी ढालपुर मैदान पर आयोजित किया जाता है और इसे थारा कार्डू के सोह के रूप में भी जाना जाता है. बता दें कि इसे फूलों और तंबुओं से खूबसूरती से सजाया जाता है और फिर यहां लोग रंग-बिरंगे परिधान, सोने-चांदी के मोहरे और आभूषण पहनकर इकट्ठा होते हैं. 

नवरात्रि में दिखें ये संकेत तो समझिए सफल हुई आपकी पूजा, मां दुर्गा हैं प्रसन्न 

दशहरे के दूसरे दिन मुहल्ला भव्य मेजबानी की जाती है और इसमें विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम शामिल होते हैं. इसके अलावा रथ यात्रा भी इसका मुख्य आकर्षण में शामिल है. बता दें कि यह उत्सव रॉयल पैलेस और से शुरू होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

 

Kullu Dussehra 2023 Kullu Dussehra Live 2023 Kullu Dussehra 2023 Date Dussehra Mela Dussehra Mela 2023 Kullu Dussehra Importance