डीएनए हिंदीः देशभर में हनुमान जी (Hanuman Ji) के कई चमत्कारी मंदिर मौजूद हैं. एक मंदिर छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड मे स्थित है. यहां लमगांव (Lamgaon Hanuman Temple) में स्थित इस मंदिर में हनुमान जी (Hanuman Mandir) की मूर्ति बहुत ही चमत्कारी है. बताया जाता है कि यहां पर हनुमान जी की मूर्ति पेड़ में से प्रकट हुई है. इतना ही नहीं मूर्ति से जुड़े और भी चमत्कार हैं जिन्हें सुनकर आप हैयार हो जाएंगे. तो चलिए आपको लमगांव के चमत्कारी हनुमान मंदिर (Surguja Hanuman Mandir) के बारे में बताते हैं.
लमगांव हनुमान मंदिर, छत्तीसगढ़
यह मंदिर धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में काफी प्रसिद्ध है. इसकी वजह यहां पर मौजूद हनुमान जी की स्वयंभू प्रतिमा है. बजरंगबली की इस प्रतिमा ही महिला बहुत ही चमत्कारी है. ऐसा माना जाता है कि मंदिर की स्थापना के समय हनुमान जी की मूर्ति 1 से डेढ़ फीट की थी जो अब 3-4 फीट की हो चुकी हैं. हनुमान जी की प्रतिमा कुछ वर्षों के बाद करीब 1-2 इंच बढ़ जाती है. मंदिर की स्थापना के बाद से ही प्रतिमा का आकार बढ़ रहा है. लोग इस चमत्कारी मूर्ति के दर्शन के लिए बहुत ही दूर दूर से आते हैं.
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1955 में हुई थी मंदिर की स्थापना
लमगांव में इस मंदिर की स्थापना अप्रैल में 1955 में हुई थी. तभी से इस मंदिर में भक्तों हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं. मंगलवार और शनिवार के दिन यहां पर भक्तों की खूब भीड़ लगती है. मंदिर में मौजूद हनुमान जी की प्रतिमा को स्वयंभू बताया जाता है यानी की यह प्रतिमा स्वंय प्रकट हुई थी. इसके पीछे एक रोचक कहानी प्रसिद्ध है.
लमगांव हनुमान मंदिर से जुड़ी रोचक कहानी
लमगांव में बाबा त्रिवेणी नाम के एक शख्स के सपने में हनुमान जी ने दर्शन दिए थे. सपने में हनुमान जी ने उनसे कहा कि वह एक पेड़ में फसें हुए हैं उन्हें वह बाहर निकालें. बाबा त्रिवेणी ने इस सपने को सच नहीं माना लेकिन जब सपना कई बार आया तो उन्होंने उस पेड़ को काटा जिसमें से हनुमान जी की प्रतिमा प्रकट हुई.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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