Lohri Festival 2023: लोहड़ी से जुड़ी इन परंपराओं के बिना अधूरा रह जाएगा त्योहार, जानें किन परंपराओं का होता है खास महत्व

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 13, 2023, 02:27 PM IST

लोहड़ी 2023

Lohri Festival 2023: लोहड़ी के दिन कई परपराएं होती है जिनके बिना त्योहार अधूरा रह जाता है. आज हम आपको इन्हीं परपराओं के बारे में बताने वाले हैं.

डीएनए हिंदी: लोहड़ी (Lohri 2023) का त्योहार पंजाब का एक प्रमुख त्योहार है. लोहड़ी (Lohri) का त्योहार पंजाब सहित उत्तर भारत में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. यह त्योहार लोग भगवान का फसलों के लिए शुक्रिया जताने के लिए मनाते हैं. लोहड़ी (Lohri 2023)मनाने के लिए लोग अलाव जलाते हैं और आग में तिल, मूंगफली, रेवड़ी डालकर भगवान को फसलों के लिए धन्यवाद कहते हैं. लोहड़ी के दिन तिल, रेवड़ी और मूंगफली का विशेष महत्व होता है. लोग इसे खाते हैं और एक दूसरे को तिल, रेवड़ी और मूंगफली देते हैं. लोहड़ी पर तिल, रेवड़ी और मूंगफली का तो महत्व होता ही है लेकिन इस दिन और भी कई परपराएं होती है जिनके बिना त्योहार अधूरा रह जाता है. आज हम आपको इन्हीं परपराओं (Lohri Tredition) के बारे में बताने वाले हैं.  

लोहड़ी पर भांगड़ा और गिद्दा (Bhangra And Giddha On Lohri)
लोहड़ी के दिन लोग पारंपरिक नृत्य करते हैं. इस दिन पुरूष भांगड़ा और महिलाएं गिद्दा करती है. ये दोनों ही नृत्य पंजाब के लोक नृत्य हैं. लोहड़ी के दिन लोग ढोल नगाड़ो पर थिरकते हुए नजर आते हैं. लोहड़ी पर सभी चीजों की तरह भांगड़ा और गिद्दा का भी विशेष महत्व होता है. 

लोहड़ी के गीत (Lohri Songs)
लोहड़ी के दिन सभी लोग अपने घर परिवार के लोगों और रिश्तेदारों को बधाइंया देते हैं. सभी बड़े लोग छोटो को आशिर्वाद देते हैं. लोहड़ी के दिन कई खास गीत भी गाए जाते हैं. यह सभी गीत लोहड़ी के दिन को और भी ज्यादा विशेष मना देते हैं. पंजाबी लोगों में यह त्योहार नई बहुओं के लिए खास होता है.

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सभी लगाते हैं अग्नि की परिक्रमा (Agni Parikrama On Lohri)
लोहड़ी पर लोग अलाव जलाकर इसके चारों और परिक्रमा लगाते हैं. लोग अग्नि के चारों और परिक्रमा करते हैं साथ ही अग्नि को तिल, रेवड़ी और मूंगफली समर्पित करते हैं. माना जाता है कि यह परंपरा अग्निदेव को प्रसन्न करने के लिए मनाई जाती है. 

दुल्ला भट्टी को करते हैं याद (Dulla Bhatti)
लोहड़ी के दिन दुल्ला भट्टी को याद कर उनकी कहानी सुनाई जाती है. दुल्ला भट्टी की कहानी का विशेष महत्व होता है. दुल्ला भट्टी एक मुस्लिम राजपूत थे.  दुल्ला भट्टी को एक नायक के रूप में माना जाता है जिन्होंने मुगलों के अत्याचारों का विरोध किया था. दुल्ला भट्टी ने कई लड़कियों का जीवन बर्बाद होने से बचाया और उनका विवाह कराया. लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी का कहानी इसलिए सुनाई जाती है ताकि लोग दुल्ला भट्टी का तरह ही महिलाओं का सम्मान करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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