डीएनए हिंदी: (Krishna Puja Vidhi) सनातन धर्म में भगवान श्री कृष्ण को पूर्णावतार माना गया है. उनके अलग अलग नाम और रुप की पूजा की जाती है. भगवान श्री कृष्ण परीक्षा लेने के साथ ही जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं. माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण की प्यारी राधा रानी का जाप करते ही मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. भगवान को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाना भी बेहद रास आता है. इसे भगवान मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.
धर्म से जुड़े शास्त्रों में भगवान श्री कृष्ण को लेकर अलग अलग कथाएं सुनाई गई है. उनके अलग अलग अवतारों की पूजा भी की जाती है. भगवान की कई अलौकी लिलाओं को बखान भी किया जाता है. इन सबके बीच कहा जाता है. भगवान श्री कृष्ण को अगर सच्चे भाव से याद किया जाए तो मन की हर इच्छा पूरी कर देते हैं. इन उपायों को करते ही कृष्ण की कृपा बरसती है. भगवार संसार की हर इच्छा पूरी कर देते हैं.
भगवान श्री कृष्ण के सामने अपनी मनोकामना से रखने से पूर्व उनकी सच्चे भाव से पूजा अर्चना करें. हर दिन ॐ श्रीकृष्णाय नम मंत्र का जप करें. मान्यता है कि पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान श्री कृष्ण का जप करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं. भगवान भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं.
बांसुरी चढ़ाने पर प्रसन्न हो जाते हैं श्री कृष्ण
पैराणिक कथाओं में बताया गया है कि श्री कृष्ण को सबसे प्रिय आपकी बांसुरी थी. वह बांसुरी को हमेशा अपने साथ रखते थे. यही वजह है कि उनहें मुरली वाले से लेकर बंसी बजैया के नाम से पुकारा जाता है. मान्यता है कि श्री कृष्ण को उनकी सबसे प्रिय बांसुनी चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते हैं. साथ ही मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.
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भगवार श्री कृष्ण को मोर पंख भी अति प्रिय था. वह अपनी बांसुरी के साथ ही मोर पंख को भी पास रखते थे. श्री कृष्ण की पूजा में उन्हें मोर पंख चढ़ाया जाता है. इसे भगवान प्रसन्न होते है.ं इतना ही नहीं जो लोग काल सर्प दोष से ग्रस्त हैं. उन्हें मोर पंख को अपने बिस्तर के नीचे रखकर सोना चाहिए. इसक काप सर्प दोष का प्रभाव कम होने के साथ ही जीवन में अटके काम बनने लगते हैं. प्यार और सफलता प्राप्त होती है.
भगवान श्री कृष्ण को माखन चोर भी कहा जाता है. इसकी वजह उन्हें खाने में माखन खाना अति प्रिय था. जन्माष्टिमी के त्योहार से लेकर भगवान श्री कृष्ण को मनाने के लिए माखन मिश्री का भोग लगाया जाता है. इसमें तुलसी जरूर चढ़ानी चाहिए. भगवान का कोई भी भोजना बिना तुलसी अधूरा माना जाता है.
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अगर आपको संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है. शादी के कई वर्ष बाद भी संतान का सुख प्राप्ति नहीं हुआ है तो जोड़ें से भगवान श्री कृष्ण की आराधना करें. हर दिन श्री कृष्ण की पूजा करने से संतान के योग बनेंगे, जो व्यक्ति हर दिन श्री कृष्ण की पूजा के साथ ही गोपाल मंत्र का पाठ करता है. भगवान जल्द ही उसकी संतान इच्छा की पूर्ति करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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