डीएनए हिंदी: अयोध्या के श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोर शोर से चल रही है. इसको लेकर देशभर के लोगों में उत्साह है. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा है, जिसमें अब सिर्फ कुछ ही दिन शेष रह गये हैं. इसबीच ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिन का अनुष्ठान शुरू कर दिया है. पीएम ने अनुष्ठान की शुरुआत नासिक के पंचवटी स्थित कालाराम मंदिर से की है. इस मंदिर से ही पीएम मोदी ने अनुष्ठान क्यों लिया. ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है. इसकी वजह कालाराम मंदिर का भगवान श्री, माता सीता और लक्ष्मण से काफी गहरा संबंध होना है.
भगवान श्रीराम के प्राचीन मंदिरों में से एक है कालाराम मंदिर
नासिक पंचवटी में स्थित कालाराम मंदिर से भगवान श्रीराम के साथ ही माता सीता और लक्ष्मण का बेहद गहरा संबंध रहा है. यह मंदिर पूर्ण रूप से भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण को समर्पित है. इस मंदिर में भगवान ने सबसे ज्यादा समय बिताया है. कालाराम मंदिर का निर्माण आज से कई सौ सालों पूर्व 1782 में हुआ था. मंदिर को लकड़ी से बनाया गया था. बताया जाता है कि मंदिर निर्माण कार्य 12 साल तक चला था. इसी के बाद 245 फीट लंबा और 105 फीट चौड़ा मंदिर बनकर तैयार हुआ था. मंदिर में 17 फीट ऊंची दीवारें हैं. यह श्रीराम के प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों में से एक है.
कालाराम मंदिर से जुड़ी हैं कई कथाएं
बताया जाता है कि जब श्रीराम को वनवास मिला था. तब उन्होंने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ सबसे ज्यादा समय पंचवटी में बिताया था. भगवान श्रीराम को यह जगह बेहद प्रिय थी. यही पर कालाराम मंदिर से संबंधित तमाम पौराणिक कथाओं के बारें में बताया जाता है.
श्रीराम ने मुनियों को दिलाई राक्षसों से मुक्ति
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्री राम वनवास के दौरान पंचवटी में रुके थे. यहां आसपास मौजूद ऋषि मुनी भगवान राम के पास पहुंचे. सभी ने उन्हें अपनी समस्या बताते हुए आग्रह किया था यहां उन्हें राक्षस परेशान करते हैं. प्रभु हमें राक्षसों के प्रकोप से मुक्ति दिला दें. श्रीराम ने ऋषियों की प्रार्थना स्वीकार कर काला रूप धारण कर राक्षसों के प्रकोप से ऋषियों को मुक्ति दिला दी. इसके बाद सभी ऋषियों ने भगवान का धन्यवाद करते हुए कुछ दिनों तक रुके रहने का आग्रह किया था. इस पर श्रीराम माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ रुके थे. युग बदलने के साथ ही श्रीराम मंदिर से संबंधित साक्ष्य मिलने पर यहां श्री राम मंदिर बनाया गया. इस मंदिर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण जी की खड़ी मुद्रा में मूर्ति मौजूद है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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