Vishnu Avatar: हर युग में लोगों के कष्ट दूर करने के लिए भगवान विष्णु ने लिए ये 10 अवतार, क्या था रहस्य

सुमन अग्रवाल | Updated:Nov 10, 2022, 03:19 PM IST

Lord Vishnu ने सृष्टि पर 24 अवतार लिए लेकिन उनके 10 अवतार बहुत प्रमुख थे, क्या है हर अवतार के पीछे की कहानी

डीएनए हिंदी: Vishnu 10 Avatar- सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने लोगों के संकट हरने के लिए 24 अवतार लिए हैं लेकिन उनके 10 अवतार बहुत प्रमुख है, जिसके बारे में चर्चा होती है. जो हिंदू धर्म में दशावतार के नाम से जाने जाते हैं. इन सब अवतार के पीछे एक रहस्य है, आईए उसके बारे में जानते हैं. गरुड़ पुराण में दशावतार का वर्णन है. ये दशावतार हैं मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि अवतार.

मत्स्य अवतार

पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु ने सृष्टि को प्रलय से बचाने के लिए मत्स्यावतार लिया था. इस दौरान भगवान विष्णु ने राजा सत्यव्रत को उपदेश दिया था, जो मत्स्यपुराण कहलाता है

कूर्म अवतार

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार लेकर मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया था, जिसके कारण समुद्र मंथन सफलतापूर्वक हुआ. भगवान विष्णु के इस अवतार को कच्छप या कूर्म अवतार कहा जाता है

वराह अवतार

दैत्य हिरण्याक्ष ने जब पृथ्वी को समुद्र के अंदर छिपा दिया था, तब भगवान विष्णु ने सूअर का अवतार लेकर दैत्य हिरण्याक्ष से युद्ध किया. वर्षों तक चले युद्ध में भगवान विष्णु ने दैत्य हिरण्याक्ष का वध कर दिया और पृथ्वी को पुन: जल पर स्थापित कर दिया

नृसिंह अवतार

भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नृसिंह अवतार लिया था, उन्होंने आधे सिंह और आधे नर स्वरूप में अपने बड़े-बड़े नाखुनों से दैत्यों के राजा और प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप का वध किया था

वामन अवतार

सत्ययुग में प्रह्लाद के पौत्र दैत्यराज बलि से देवताओं की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने बौने ब्राह्मण का अवतार लिया था. इसमें उन्होंने बलि से तीन पग धरती दान में मांगी थी. एक पग में धरती और दूसरे में स्वर्ग नाप दिया. तब बलि ने तीसरा पग उसके सिर पर रखने को कहा. इस पर भगवान विष्णु ने तीसरा पग उसके सिर पर रखा, जिससे वह सुतललोक चला गया, वामन अवतार भगवान विष्णु ने बली को यह पाठ दिया था कि अहंकार से जीवन में कुछ नहीं मिलता है

परशुराम अवतार 

एक पौराणिक कथा के अनुसार, ऋषि आपव के राजा सहस्त्रबाहु को दिए श्राप की वजह से भगवान विष्णु ने भार्गव कुल में महर्षि जमदग्रि के पांचवें पुत्र परशुराम के रूप में जन्म लिया था. 

राम अवतार 

त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के वध के लिए भगवान विष्णु अयोध्या में राजा दशरथ के घर राम के रूप में जन्में. सीता हरण के बाद लंका के युद्ध में वानर सेना की मदद से राम ने रावण का वध किया. मर्यादित जीवन और आचरण से राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए

कृष्ण अवतार 

द्वापरयुग में भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में कारागार में जन्म लिया. माता देवकी और पिता वासुदेव उनके माता-पिता थे. कंस वध, बाल लीलाएं, महाभारत में अर्जुन के सारथी और कुरूक्षेत्र में गीता का उपदेश, इन घटनाओं के लिए कृष्ण अवतार यादगार है.

बुद्ध अवतार

भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का 9वां अवतार माना जाता है. उन्होंने विश्व में शांति स्थापना के लिए यह अवतार लिया था

कल्कि अवतार 

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु कलयुग के अंत में कल्कि अवतार लेंगे और वह 64 कलाओं में निपुण होंगे. वह घोड़े पर सवार होकर पापियों का नाश करेंगे और धर्म की दोबारा स्थापना करेंगे. इसके बाद सतयुग शुरू होगा.

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