Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण: चांदनी में खीर रखने से पहले जान लें इसे बनाने और रखने के ये नियम

Written By ऋतु सिंह | Updated: Oct 21, 2023, 12:26 PM IST

शरद पूर्णिमा की रात खीर रखने के नियम

28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और इसी रात चांद की रौशनी या चांदनी में खीर रखने की परंपरा भी लेकिन ग्रहण में खीर कब बनाएं और कब रखें ये जान लेना जरूरी है.

डीएनए हिंदीः शरद पूर्णिमा की रात चांदनी के साथ अमृत की वर्षा होती है और यही कारण ही राम में चांद की किरणों में खीर बना कर रखी जाती हैं. इस खीर को खाने से दमा से लेकर कई तरह के संक्रमण और बीमारियों को दूर किया जाता है. लेकिन इस बार 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा पर ग्रहण लग रहा है और ऐसे में खीर बनाने से लेकर रखने तक के नियमों को जान लेना जरूरी है. 

ताकि ग्रहण की छाया खीर पर न पड़ने पाए और खीर रूपी अमृत को खाकर आप अमरत्व का पान कर सकें.ज्योतिष शास्त्र में शरद पूर्णिमा हर साल आश्विन माह के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, जिसे रास पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, कौमुदी व्रत भी कहा जाता है. इस बार शरद पूर्णिमा सूतक काल मान्य होगा. 

शरद पूर्णिमा और सूतक काल समय

शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को सुबह 4:17 बजे शुरू होगी और 29 अक्टूबर को दोपहर 1:53 बजे तक रहेगी. 28 अक्टूबर को इसी पूर्णिमा के दिन साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा. 28 अक्टूबर शाम 5:00 बजे शुरू होगा. यह भी दोपहर दो बजकर चार मिनट तक होगा. सूतक काल शाम 4:50 बजे तक रहेगा. 

शरद पूर्णिमा पर लगेगा साल का आखिरी चंद्रग्रहण: 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023, शनिवार को लगेगा. ग्रहण 28 अक्टूबर की मध्य रात्रि 01 बजकर 06 मिनट पर प्रारंभ होगा और रात 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा.

क्यों बनाई जाती है खीर
शरद पूर्णिमा पर दूध से बनी खीर से चंद्र देव की पूजा करने का भी रिवाज है. इस दिन रात को आसमान से अमृत बरसता है इसलिए इस दिन पूजा के साथ दूध को खुले आसमान के नीचे रखना बहुत शुभ होता है. माना जाता है कि इस दिन चांद से गिरने वाली किरणों में औषधिय तत्व होता है और खीर में जाकर ये इसे अमृत बना देती हैं. इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा और कथा भी करनी चाहिए. इससे आपको हर काम में सफलता मिलेगी. आप हर चीज के साथ आगे बढ़ सकते हैं. 

 

कब और कैसे रखें खीर
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगेगा और इस दौरान चंद्रमा से निकलने वाली रोशनी बहुत हानिकारक होगी. इसलिए रात के बारह बजे 12 बजकर 45 मिनट तक आप खीर रखें या ग्रहण मोक्ष के बाद करीब ढाई बजे के बाद से रखें. लेकिन अगर आप खीर बनाने के बाद उन्हें खुली हवा में रखते हैं तो उन्हें कुश या तुलसी के पत्तों से ढक दें. इसके सेवन से आपके दूध पर कभी भी कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा.

खीर कब बनाएं 

चंद्र ग्रहण सूतक शुरू होने से पहले आप खीर बना सकते हैं. चंद्र ग्रहण शुरू होने पर दूध नहीं बनाया जा सकता. रात में चंद्र ग्रहण समाप्त होने पर सुबह के समय खुले आसमान के नीचे भी खीर रख सकते हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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