Siddhidatri Sandhya Aarti: शाम को मां की आरती करें, मंत्र का पाठ पढ़ें तो पूरे होंगे सारे काम

सुमन अग्रवाल | Updated:Oct 04, 2022, 02:44 PM IST

महा नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा और शाम की आरती की जाती है, शाम की आरती का समय और मंत्र क्या है, जानिए यहां

डीएनए हिंदी: Maa Siddhidatri Sandhya Aarti Mantra Puja- नवरात्रि के आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना होती है. आज सुबह सुबह भक्तों ने स्नान आदि करके मां दुर्गा के इस रूप की पूजा की और अपने व्रत खोले. नवरात्रि के नौवें दिन (Navratri Ninth Day) को महा नवमी (Maha Navami) कहते हैं, पूरे देश में धूमधाम से आज का दिन मनाया जाता है. कन्या पूजन और व्रत खोलने के साथ साथ कलश विसर्जन का नियम भी है. आज के दिन घरों में हवन होता है और आहूति दी जाती है. सुबह की पूजा आरती और मंत्र के बाद शाम को भी मां को आरती दिखाते हैं और मंत्र पाठ भी करते हैं. 

मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश,बल और धन भी प्रदान करती हैं. शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है. मां सिद्धिदात्री सारे काम सफल करती हैं. 

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पूजन समय और शुभ मुहूर्त (Puja Shubh Muhurat)

ब्रह्म मुहूर्त- 04:42 am से 05:31 am
अभिजित मुहूर्त- 11:44 am से 12:30 pm
विजय मुहूर्त- 02:02 pm से 02:48 pm
गोधूलि मुहूर्त- 05:41 pm से 06:05 pm

सिद्धिदात्री आरती (Maa Siddhidatri Aarti)

जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।

तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।


तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।

तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।

 
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।

जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।

 
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।

तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है।


रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।

तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।
 

तू सब काज उसके करती है पूरे।

कभी काम उसके रहे ना अधूरे।

 
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।

रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।


सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।

जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली।
 

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।

महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।
 

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।

भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।
 
जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।

तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।

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मां सिद्धिदात्री मंत्र (Maa Siddhidatri Mantra)

वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम्। कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम्॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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