डीएनए हिंदी: महाभारत में पांडवों की जीत का श्रेय भगवान श्रीकृष्ण का जाता है. श्रीमदभागवत गीता में श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए ज्ञान में इसकी व्याख्या भी की गई है. भगवान श्री कृष्ण हर काम में निपुण थे. उन्होंने द्वापर युग में जन्म लिया था. जानकार बताते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण वास्तु शास्त्र के भी बड़े ज्ञाता थे,जब महाभारत युद्ध में पांडवों की जीत के बाद युधिष्ठिर का राज्यभिषेक किया जा रहा था. उस समय श्रीकृष्ण ने उन्हें राज्य व घर की सुख समृद्धि के लिए वास्तु के पांच नियम बताएं थे. अगर आप ने भी ये नियम फॉलो कर लिए तो घर में सुख समृद्धि के साथ ही खुशहाली और तरक्की के योग बन जाएंगे. ये वास्तु नियम वास्तु दोष को मिटाने के साथ ही नकारात्मकता को दूर कर सकते हैं.
घी
भगवान श्रीकृष्ण की सबसे प्रिय गाय हैं. श्रीकृष्ण कहते ही की घर में देसी घी जरूर रखना चाहिए. पूजा घर में घी का दीप जलाना चाहिए. इससे घर में देवी देवताओं का वास होता है. रोग दोष दूर होने के साथ ही सुख समृद्धि बढ़ती है. इसकी वैज्ञानिक कारण भी है. घर में घी का दीपक जलाने से वातावरण शुद्ध होता है. व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है.
जल
श्रीकृष्ण ने महाभारत में युधिष्ठिर को बताया कि घर के अंदर जल को हमेशा साफ स्थान पर रखना चाहिए. भगवान कृष्ण के अनुसार, जल का भंडारण उत्तर पूर्व दिशा में करना चाहिए. ऐसा करने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है. भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
मां सरस्वती
वास्तु शास्त्र के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को घर में मां सरस्वती की मूर्ति जरूर रखनी चाहिए. मां सरस्वती की कृपा से ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति होती है. मां सरस्वती की कमल पर विराजमान वाली तस्वरी या मूर्ति घर में लाने और उनकी पूजा अर्चना करने से निर्धनता दूर हो जाती है. व्यक्ति ज्ञान के बल पर खूब पैसा कमाता है.
चंदन
घर में चंदन का पेड़ लगाना चाहिए. यह संभव न हो तो चंदन की लकड़ी जरूर रखनी चाहिए. इसक टीका अवश्य लगाना चाहिए. इससे घर की नकारात्मकता दूर हो जाती है. इसके साथ ही बुरी शक्तियों का नाश हो जाता है.
शहद
शहद बीमारियों से लेकर पूजा के इस्तेमाल में भी आता है. इसकी वजह शहद का बेहद शुद्ध होना है. शहद वातावरण से लेकर मनुष्य की आत्मा को भी शुद्ध रखता है. पूजा पाठ में इसका इस्तेमाल करना शुभ लाभ देता है. शहद रोग दोष से मुक्ति दिलाता है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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