Shiv Navratri 2023: शिव नवरात्रि पर अलग-अलग रूपों में महाकाल का होगा श्रृंगार, जानें किस दिन कौन से रूप में देंगे दर्शन

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 08, 2023, 08:38 AM IST

शिव नवरात्रि 2023

Shiv Navratri 2023: महाशिवरात्रि से पहले शिव नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इन दिनों महाकाल अलग-अलग रूपों में दर्शन देते हैं.

डीएनए हिंदी: देश भर में सभी शिवभक्त महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का पर्व 18 फरवरी को मनाएंगे. 18 फरवरी 2023 को यह पर्व शनिवार के दिन मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) के दिन मां पार्वती और भगवान शिव जी की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन शिव जी और पार्वती जी की शादी हुई थी. महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का दिन तो शिवभक्तों के लिए खास होता है लेकिन इस त्योहार से पहले के 9 दिन भी बहुत खास माने जाते हैं. महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) से पहले शिव नवरात्रि (Shiv Navratri 2023) का पर्व मनाया जाता है. उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Mahakaleshwar Jyotirlinga) में शिव नवरात्रि (Shiv Navratri 2023) का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. इन 9 दिनों महाकाल का अलग-अलग रूपों में श्रृंगार किया जाता है. महाकाल इन दिनों अलग-अलग रूपों में भक्तों को दर्शन देते हैं. 

शिव नवरात्रि 2023 (Shiv Navratri 2023)
इस साल 2023 में महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी को है. इससे पहले के नौ दिनों शिव नवरात्रि मनाई जाएगी. शिव नवरात्रि पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि से त्रयोदशी तक मनाई जाती है. शिव नवरात्रि 10 फरवरी से शुरू होगी और यह 18 फरवरी तक मनाई जाएगी. 

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9 दिनों होंगे महाकाल के अलग-अलग दर्शन
- शिव नवरात्रि के पहले महाकाल का चंदन से श्रृंगार किया जाता है. इस दिन पहले महाकाल का चंदन से श्रृंगार होगा और उसके बाद जलाधारी पर हल्दी अर्पित की जाएगी. 
- शिव नवरात्रि पर्व के दूसरे दिन महाकाल शेषनाम के रूप में दर्शन देंगे. दूसरे दिन महाकाल का शेषनाग के रूप में श्रृंगार किया जाएगा.
- तीसरे दिन महाकाल का श्रृंगार घटाटोप के रूप में किया जाएगा. 
- शिव नवरात्रि के चौथे दिन महाकाल का छबीना श्रृंगार किया जाएगा.
- शिव नवरात्रि के पांचवें दिन महाकाल होलकर के रूप में दर्शन देंगे. 
- छठे दिन महाकाल का मनमहेश के रूप में श्रृंगार किया जाएगा. इस दिन महाकाल मनमहेश के रूप में दर्शन देंगे.
- शिव नववरात्रि पर सांतवें दिन महाकाल के साथ मां पार्वती भी नजर आती है. इस दिन महाकाल के श्रृंगार को उमा-महेश श्रृंगार कहते हैं.
- आंठवें दिन महाकाल शिव तांडव स्वरूप में दर्शन देते हैं. 
- अंतिम दिन महाशिवरात्रि पर महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाया जाता है. इस दिन महाकाल के सिर पर सेहरा भी सजाया जाता है. 

शिव नवरात्रि के अंतिम दिन महाकाल को पहनाया जाता है सेहरा
अंतिम दिन यानी महाशिवरात्रि पर महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाते हैं और महाकाल को सेहरा पहना कर श्रृंगार किया जाता है. महाकाल का सेहरा विदेश से ऑर्डर देकर मगाएं गए फूलों से बनाया जाता है. इस सेहरे का वजन क्विंटल में होता है. महाकाल का यह रूप साल में सिर्फ एक बार ही देखने को मिलता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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