Maha Navami: महानवमी पूजन की सही डेट, शुभ मुहूर्त, इस दिन जरूर करें ये तीन काम

Written By सुमन अग्रवाल | Updated: Oct 03, 2022, 06:11 PM IST

महानवमी कब है, इस दिन क्या करना चाहिए, कैसे व्रत पूरा करें, हवन पूजन विधि, कन्या पूजन और इस दिन कौन से काम करें जिससे मां प्रसन्न हों

डीएनए हिंदी: Maha Navami Date Shubh Muhurat and Significance- नवरात्रि का आगाज हो गया है, नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग अलग रूपों की पूजा आराधना की जाती है, जिससे देवी प्रसन्न होती हैं और मनचाहा फल देती हैं. मां की पूजा अर्चना से मन के सारे विकार नाश होते हैं, जैसे देवी दुर्गा ने महिषासुर जैसे राक्षस का वध किया था. वैसे तो नवरात्रि के नौ दिन (Navratri Nine Days) ही बहुत प्रमुख हैं लेकिन महानवमी को कुछ खास माना जाता है. 4 अक्टूबर को महानवमी की पूजा हो रही है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन देवी की उपासना करने का फल पूरे नवरात्रि के व्रत-पूजा के समान माना गया है.आइए जानते हैं नवमी में ऐसे तीन काम करने चाहिए जिससे देवी प्रसन्न होती हैं. (Sharadiya Navratri Date and Pujan Timing)

नवरात्रि 2022 नवमी कब (Shardiya Navratri 2022 Navami Date)

हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 3 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ हो रही है जो अगले दिन 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी, ऐसे में लोगों को लग रहा है कि 4 अक्टूबर नवमी होगी. दरअसल, हिंदू पंचाग में उदयातिथि पर ही कोई त्योहार मनाया जाता है, ऐसे में नवमी 4 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी.

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शारदीय नवरात्रि 2022 नवमी मुहूर्त (Shardiya Navratri 2022 Navami Vrat Shubh muhurat)

हवन मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 21 - दोपहर 02 बजकर 20, अवधि - 8 घंटे
आश्विन नवरात्रि व्रत का पारण - 02 बजकर 20 मिनट के बाद किया जाएगा (4 अक्टूबर 2022)

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नवमी के दिन करें ये तीन काम 

आश्विन शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर नवरात्रि खत्म हो जाएगी. इस दिन मां दुर्गा के नौवें रूप देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.महानवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है.

नवमी के दिन ही नौ कन्याओं को मां का प्रसाद खिलाकर उनकी पूजा करके उनसे आशीर्वाद लिया जाता है. नौ कन्याओं को मां दुर्गा के नौ रूप मानकर पूजन किया जाता है.पूजन-भोजन के पश्चात नौ कन्याओं और एक बटुक (बालक) को उपहार भेंट करना चाहिए.कहते हैं कन्या पूजन से पूरे नवरात्रि की पूजा का दोगुना फल मिलता है.

नवरात्रि की नवमी पर हवन करने का विधान है. इसमें देवी से सहस्त्रनामों का जाप करते हुए हवन में आहूति दी जाती है. मान्यता है नवमी पर हवन करने से नौ दिन के तप का फल कई गुना और शीघ्र प्राप्त होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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