Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर शिव पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां, शिव के नाराज होने से बढ़ सकता है दुर्भाग्य

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Feb 09, 2023, 08:31 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर शिव पूजा के समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. अगर आप शिव पूजा में गलती करते हैं तो शिव जी नाराज हो जाते हैं.

डीएनए हिंदी: शिव भक्तों को महाशिवरात्रि का बेसब्री से इंतजार रहता है. इस साल महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का पर्व 18 फरवरी को मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) पर भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं. देवी पार्वती और भगवान शिव जी की पूजा से उनकी कृपा बनी रहती है. आपको महाशिवरात्रि पर शिव पूजा (Mahashivratri Shiv Puja 2023) के समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. अगर आप शिव पूजा (Shiv Puja 2023) में गलतियां करते हैं तो भगवान शिव नाराज हो सकते हैं. आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बताने वाले है जिनका आपको शिव पूजा के दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए. 

शिव पूजा के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां (Mahashivratri 2023 Shiv Puja Niyam)
1. शिव पूजा के समय आपका मुंह हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस बात का भी ध्यान रखें कि कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा न करें. शिवलिंग की जलधारी को लाघां नहीं जाता है ऐसा करना महापाप माना जाता है. 
2. आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि शिव जी पर कभी भी हल्दी, मेंहदी और कुमकुम न चढ़ाएं. शिव जी को यह सभी चीजें अर्पित करने की मनाही है. साथ की केतकी, कुंद और शिरीष और कपित्थ के फूल चढ़ाना भी शिव पूजा में वर्जित माना जाता है. शिवपुराण में केतकी फूल न चढ़ाने के बारे में बताया हुआ है.

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3. भगवान शिव का अभिषेक कभी भी शंख से नहीं करना चाहिए. धर्म ग्रथों में ऐसा करने की मनाही है. शिवपुराण के अनुसार, शंख से शिव जी को जल चढ़ाना अशुभ होता है. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. 
4. पूजा में कभी भी कटे-फटे फूल और पत्तों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. शिव जी को हमेशा ताजा फूल और पत्ते चढ़ाएं. बेल पत्र भी कटा-फटा नहीं होना चाहिए. आप एक बार उपयोग किए बेल पत्र का दूबारा इस्तेमाल कर सकते हैं. एक बार चढ़ाए गए बेल पत्र को दूबारा धोकर चढ़ा सकते हैं. 
5. शिव पूजा के दौरान शिवलिंग पर अर्पित किए जाने वाले फूल-पत्तों को निर्माल्य कहते हैं. शिव पूजा के बाद इस निर्माल्य को किसी नदी या तालाब में प्रवाहित कर देना चाहिए. कभी गलती से भी पूजा के इन फूल-पत्तों यानी निर्माल्य को अपमानित न करें. ये सभी चीजें पूजनीय होती हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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