डीएनए हिंदी: इस बार शिव भक्ति का पावन पर्व महाशिवरात्रि 18 (Mahashivratri 2023 Date) फरवरी 2023 को मनया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिव (Lord Shiva) ही एकमात्र ऐसे देवता है जिनकी भक्ति करने वाले देवता, गंधर्व यहां तक की राक्षस को भी वह पूजा, साधना का पूर्ण फल और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं. इसके अलावा शिव जी सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति और संहार के अधिपति हैं. साथ ही भगवान भोलेनाथ त्रिदेवों में संहार के देवता माने जाते हैं. कहा जाता है कि महाशिवरात्रि पर शुभ मुहूर्त में महादेव की पूजा (Mahashivratri 2023 Puja Vidhi) करने या जलाभिषेक (Shiva Jalabhishek) करने से चार ग्रहों (Mahashivratri 2023 Grah Shanti Puja) की पीड़ा से मुक्ति मिलती है और सेहत भी ठीक रहता है. चलिए जानते हैं महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की साधना से किन ग्रहों की शांति होती है.
बुध का उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली में बुध की स्थिति ठीक न हो तो चर्म रोग या दांतों से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में इससे बचने के लिए महाशिवरात्रि पर विधारा एक विशेष जड़ी-बूटी के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें.
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शुक्र का उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली में अगर शुक्र कमजोर हो तो इससे यौन संक्रमण, कमजोरी व ठंड से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. जिसकी वजह से ऐसे लोगों के वैवाहिक जीवन में भी उतार-चढ़ाव आता रहता है. ऐसे में इस ग्रह से शुभ फल प्राप्त करने के लिए पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें.
सूर्य का उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में तो इससे हाई ब्लड प्रेशर, दिल व आंखों से जुड़ी बीमारी हो सकती है. ऐसे में इसके अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए महाशिवरात्रि पर शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करें.
चंद्रमा का उपाय
कुंडली में चंद्र नीच का होने से सर्दी, अस्थमा व आंखों से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में चंद्रमा की स्थिति मजबूत करने के लिए महाशिवरात्रि पर कच्चे दूध में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें.
शनि का उपाय
कुंडली में सबसे ज्यादा असर शनि का ही होता है. जिसकी कुंडली में ये ग्रह नीच स्थान पर हो तो हडि्डयों व स्नायु तंत्र से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में इसके लिए महाशिवरात्रि पर गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें.
राहु का उपाय
राहु के अशुभ फल की वजह से व्यक्ति डिप्रेशन में जा सकता है या बार-बार उसके साथ दुर्घटना के योग बनते हैं. ऐसे में इस ग्रह को शुभ स्थिति में लाने के लिए भांग या नागकेसर से शिवलिंग का अभिषेक करें.
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केतु का उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, केतु के अशुभ स्थिति में होने से शुगर यानी डायबिटीज और गुप्तांग से संबंधित रोग होने की संभावना सबसे अधिक होती है. ऐसे में इससे बचने के लिए महाशिवरात्रि पर सरसों के तेल से शिवलिंग का अभिषेक जरूर करें.
मंगल का उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो तो खून व पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा ये ग्रह व्यक्ति को अत्यधिक क्रोधी भी बना देते हैं. ऐसे में इसके अशुभ फल से बचने के लिए महाशिवरात्रि पर गिलोय के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें.
गुरु का उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली में गुरु नीच स्थिति में यानी अशुभ फल दे रहा हो तो पेट व फेफड़ों से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में इस स्थिति में दूध में पीले फूल मिला कर शिवलिंग का अभिषेक करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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