इस साल महाशिवरात्रि पर शुभ संयोग पर पूजा करने के लिए जरूरी है कि आप महादेव की पूजा का ब्रह्म मुहूर्त से लेकर निशीथ पूजा का समय जान लें. साथ ही ये भी जान लें कि मन की इच्छा पूरी करने के लिए भगवान शिव की पूजा कैसे करें.
महाशिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस महाशिवरात्रि पर 4 शुभ संयोग बनने जा रहे हैं. महाशिवरात्रि 8 मार्च को सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी. कहा जाता है कि इस योग में महादेव की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
महाशिवरात्रि के दिन चंद्रमा श्रवण नक्षत्र और शिव योग में मकर राशि में रहेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्ध योग भी बनेगा.
महाशिवरात्रि पर इन 4 शुभ संयोग समय पर करें शिव-पार्वती की पूजा
- सर्वार्थ सिद्धि योग- शाम 05:42 से अगले दिन प्रात: 07:05 तक.
- वरियान : 18 फरवरी को रात्रि 07 बजकर 35 मिनट से वरियान योग प्रारंभ होगा जो अगले दिन दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.
- निशीथ काल पूजा मुहूर्त( आठवां मुहूर्त) : 24:09:26 से 25:00:20 तक रात्रि का आठवां मुहूर्त निशीथ काल
- महाशिवरात्रि पारणा मुहूर्त (19 फरवरी) : 06:57:28 से 15:25:28 तक
चार पहर के महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त
- रात्रि प्रथम प्रहर : 18 फरवरी शाम 6:21 मिनट से रात 9:31 तक
- रात्रि द्वितीय प्रहर : 18 फरवरी रात 9: 31 मिनट से 12:41 मिनट तक
- रात्रि तृतीय प्रहर : 18-19 फरवरी की रात 12:42 मिनट से 3: 51 मिनट तक
- रात्रि चतुर्थ प्रहर : मध्यरात्रि बाद 3:52 मिनट से सुबह 7:01 मिनट तक
महाशिवरात्रि पूजा की विधि
- भगवान शिव की पूजा करने से पहले आपको अपने सभी दैनिक कार्य निपटाने चाहिए, स्नान करना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए.
- सबसे पहले गणेश जी को प्रणाम करें.
- इसके बाद पूजा स्थल पर शिव और माता पार्वती के साथ नंदी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करनी चाहिए.
- इस दिन मिट्टी से बने शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए.
- यदि घर में शिवलिंग है तो मिट्टी के बर्तन या तांबे के लोटे में जल भरकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए.
- शिव लिंग को पंचामृत से स्नान कराएं.
- शिवलिंग पर बेल पत्र, धतूरे के फूल, चंदन, चावल आदि चढ़ाना चाहिए. फिर पूरी श्रद्धा से शिवपुराण का पाठ करें और रात्रि जागरण करें
- महाशिवरात्रि पर शिव पुराण का पाठ करने से कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है.
- भगवान शिव की आरती करने के बाद भगवान से क्षमा प्रार्थना करना न भूलें.
शिवरात्रि मंत्र:
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ ॐ नमः शिवाय
- ॐ ह्रीं नमः शिव
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ॐ नमः शिवाय
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिपुष्टिवर्धनम्.
- 'उर्वरुकमिव वन्दनाना, मृत्युर्मुख्य मामृतात्
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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