Makar Sankranti 2023: कैसे शुरू हुई मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने की परंपरा? जानिए धार्मिक महत्व व लाभ 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jan 06, 2023, 10:19 AM IST

कैसे शुरू हुई मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने की परंपरा

Khichdi Benefits Makar Sankranti: मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने और खिलाने की परंपरा है, यहां जानिए कैसे शुरू हुई यह परंपरा क्या है इसका महत्व

डीएनए हिंदी: Makar Sankranti 2023 Significance And Importance- सनातन धर्म में सभी संक्रांति में से मकर संक्रांति का खास महत्व है, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य ग्रह मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) होता है. इस बार यह दिन और भी खास होने वाला है, क्योंकि शनि (Shani Planet) भी मकर राशि (Makar Rashi) में प्रवेश करने वाले हैं. ऐसे में इस दिन सूर्य और शनि देव (Surya Shani Gochar) का मिलन होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन दान पुण्य करने और खिचड़ी खाने-खिलाने का विशेष महत्व है (Khichdi On Makar Sankranti). लेकिन क्या आप जानते हैं इस दिन खिचड़ी क्यों खाया और खिलाया जाता है? दरअसल इसके पीछे एक दिलचस्प किस्सा है. आज हम आपको बता रहे हैं इस दिन खिचड़ी खाने की परंपरा कैसे शुरू हुई और खिचड़ी खाने का महत्व व लाभ क्या है.

ऐसे शुरू हुई खिचड़ी की परंपरा

कहा जाता है कि खिलजी से युद्ध के दौरान नाथ योगी बहुत कमजोर हो गए और भूख की वजह से सबकी तबीयत बिगड़ने लगी. ऐसे में गोरखनाथ ने दाल चावल और सब्जी को एक साथ पकाकर सभी को भोजन कराया. इससे नाथ योगियों को ऊर्जा मिली और उनकी सेहत में भी सुधार हुआ. कहा जाता है कि तभी से इस दिन खिचड़ी बनाने की परंपरा चली आ रही है.

यह भी पढ़ें - Lohri 2023: इस दिन होगी लोहड़ी, जान लें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और दुल्ला-भट्टी की कहानी

मकर संक्रांति पर खिचड़ी का महत्व और लाभ

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति के दिन जो खिचड़ी बनाई जाती है उसका संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है. खिचड़ी में इस्तेमाल होने वाले चावल का संबंध चंद्रमा से, उड़द की दाल का संबंध शनिदेव से, हल्दी का संबंध गुरु देव से और हरी सब्जियों का संबंध बुध देव से होता है. इसके अलावा घी का संबंध सूर्य देव से होता है.  इसलिए मकर संक्रांति की खिचड़ी को बहुत ही खास माना जाता है. 

यह भी पढ़ें - Ketu Bad Effects: नए साल में केतु का होगा बुरा प्रभाव, शुरू कर दें आज से ही ये उपाय

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने के साथ साथ किसी ब्राह्मण को दान भी जरूर करना चाहिए. इस दिन उन्हें घर बुलाकर खिचड़ी खिलाएं और इसके बाद कच्चे दाल, चावल, हल्दी, नमक, हरी सब्जियों का दान करें. कहा जाता है कि खिचड़ी खाने से आरोग्य में वृद्धि होती है और स्वास्थ्य ठीक रहता है. इसके सेवन से बीमारियां दूर भागती हैं और व्यक्ति को ऊर्जा मिलती है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.