Makar Sankranti 2023: इस बार मकर संक्रांति का वाहन और उप-वाहन है बेहद खास, जानिए देश और दुनिया पर कैसा होगा इसका असर

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 11, 2023, 11:29 AM IST

इस बार मकर संक्रांति का वाहन और उप-वाहन है बेहद खास

Makar Sankranti Vahan 2023: इस बार मकर संक्रांति का वाहन और उप वाहन बेहद खास होने वाला है, इससे देश और दुनिया पर भी असर पड़ेगा. 

डीएनए हिंदी: Makar Sankranti Vahan 2023- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव साल भर में अलग-अलग अवधि में सभी 12 राशियों में प्रवेश करते हैं. सूर्य देव (Surya Dev) के इस (Capricorn) राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है. इन सभी 12 संक्रांति में सबसे अधिक महत्व मकर संक्रांति (Makar sankranti 2023) का होता है. न केवल धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी मकर संक्रांति (Sankranti Festival) को बेहद खास माना जाता है. इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाएगा, इस दिन खिचड़ी खाने और खिलाने की भी परंपरा है (Khichdi On Makar Sankranti). अलग-अलग जगहों पर मकर संक्रांति अलग-अलग रूप में मनाया जाता है. आज हम आपको बता रहे हैं कि इस बार मकर संक्रांति का वाहन और उप-वाहन क्या है और देश-दुनिया में इसका क्या प्रभाव पड़ने वाला है..

वाहन - वाराह

उप-वाहन - वृषभ

वस्त्र - हरा रंग

पुष्प - बकुल

अवस्था - वृद्धावस्था

लेपन - चंदन

हथियार - खड्ग

आभूषण - मोती की माला

पात्र - ताम्र पात्र

भिक्षा - अन्न

दिशा - पश्चिम से उत्तर

दृष्टि- ईशान

स्थिति - बैठी हुई

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,  इस बार की संक्रांति विशेष ग्रहों, नक्षत्रों, आयुध और वाहनों से युक्त होगी. इस वजह से इसका फल भी अलग-अलग होगा. इस बार मकर संक्रांति वाराह और उप-वाहन वृषभ यानी बैल पर सवार होकर आ रही हैं. 

क्या होगा मकर संक्रांति 2023 का फल

ज्योतिष गणना के अनुसार, इस बार के मकर संक्रांति का असर देश-दुनिया में दिखने वाला है. इसकी वजह से कई क्षेत्रों में बारिश कम होगी जिसके सूखा का प्रभाव अधिक रहेगा. इसके अलावा बदलते मौसम के कारण लोगों के सेहत पर भी बुरा असर पड़ेगा. सरकारी कर्मचारियों के प्रति लोगों का गुस्सा बढ़ेगा. 14 जनवरी को आने वाला मकर संक्रांति कई लोगों के लिए शुभ साबित नहीं होगा.

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क्यों होती है वर्ण-भूतमकर संक्रांति खास

जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब ये पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध की ओर गति करने लगता है. क्योंकि भारत उत्तरी गोलार्ध में है तो इससे दिन बड़े और रात छोटी होने लगती हैं. इसके अलावा सूर्य की रोशनी अधिक समय तक फसलों में रहती हैं. इसलिए मकर संक्रांति को बेहद खास माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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