Malmaas 2023: इस दिन से शुरू हो रहे मलमास, जानें भगवान विष्णु को समर्पित मास में क्या करें और क्या नहीं

नितिन शर्मा | Updated:Jul 13, 2023, 12:30 PM IST

इस साल मलमास 18 जुलाई से शुरू होने जा रहे हैं. यह 28 दिन यानी 16 अगस्त तक रहेंगे. इस दौरान बहुत सी चीजों को ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. यह भगवान विष्णु की आराधना के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है.

डीएनए हिंदी: (Adhik Maas Start and End Date) हिंदू धर्म में मलमास का विशेष महत्व होता है. इस बार अधिकमास यानी मलमास 18 जुलाई शुक्रवार से शुरू होकर 16 अगस्त तक रहेंगे. यह मास भगवान विष्णु जी को समर्पित होता है. इसमें विष्णु जी की कथा से लेकर श्री हरि की आराधना करना काफी शुभ माना जाता है. यह समय में श्रीमदभागवत कथा का श्रवण मंगल कारी और कष्ट निवारक होता है. शास्त्रों की मानें तो इस समय में विष्णु भगवान की आराधना और उनसे जुड़ी कहानी या दान करना फलदायक होता है. यह जीवन के कष्टों को नष्ट कर पुण्य प्राप्ति की ओर बढ़ाता है. हालांकि मल मास में कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी, गृहप्रवेश या अन्य किसी तरह का आयोजन नहीं करना चाहिए. आइए ज्योतिष प्रीतिका मौजुमदार से जानते हैं मास माह में क्या करें और क्या न करें...

मलमास में इन कामों को करने से मिलता है पुण्य

-मलमास को ही अधिकमास भी कहा जाता है. यह माह पूजा अर्चना के लिए बहुत ही शुभदायक और फलदायी होता है. इस समय में भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन के कष्ट खत्म हो जाते हैं. इस मास में दान पुण्य और धर्म कर्म के काम जैसे राम कथा, श्रीमदभागवत, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ गीता कथा को श्रवण करना बहुत ही शुभ होता है. इसे भगवान प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं 

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-मलमास में दीपदान करना का विशेष महत्व है. इस मास में मंदिर में भगवान विष्णु का ध्वजा दान करें. साथ ही इस समय में पेड़ पौधे लगाएं. इसे आप के कर्म अच्छे होने के साथ संकट खत्म होते हैं. पेड़ लगाना पर्यावरण को भी बढ़ावा देता है. 

-मलमास में दूध, दही, जीरा, जौ, केला, तिल, तेल, कटहल, बथुआ, गेहूं, मटर और पान इत्यादि को खाने में शामिल करें. साथ ही किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन कराएं. साथ ही ब्राह्मण से लेकर मंदिर में दान दें. इन कर्मों से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. अपनी कृपा बरसाने के साथ ही घर में धन धान्य की पूर्ति करते हैं. 

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भूलकर भी न करें ये काम 

-मलमास में शादी, नामकरण, श्राद्ध, मुंडन, गृहप्रवेश, दीक्ष या देव प्रष्ठिा न करें. इसकी वजह इस मास में शुभकार्यों को करना वर्जित माना गया है. इसकी वजह मलमास में भगवान विष्णु शयन कर जाते हैं. 

-सावन के बीच ही आने वाले मलमास में तामसिक भोजन न करें. जैसे शहद, मसूर दाल, मछली, मांस, प्याज, लहसुन और राई जैसी चीजें शामिल हैं. इनका सेवन करना अशुभ होता है. अधिकमास में इनके सेवन से बीमारी पड़ सकते हैं. शारीरिक परेशानी बन सकती है. 

-मलमास में घर से लेकर दुकान, वाहन या किसी भी तरह के शुभ काम में इस्तेमाल होने वाली चीजें न खरीदें. इस मास में किसी का अपमान न करें. क्रोध, काम से लेकर सभी बुरे कामों को करने से बचना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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